विश्व पर्यावास दिवस हर 7 अक्टूबर को मनाया जाता है और इस साल यह आज, सात अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य सभी लोगों को सुरक्षित और उपयुक्त आवास प्रदान करने के महत्व पर प्रकाश डालना और शहरी क्षेत्रों की स्थिति में सुधार के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास करना है। यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित एक पहल है जो सरकारों, समुदायों, और व्यक्तियों को आवास की स्थिति में सुधार की दिशा में मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
विश्व पर्यावास दिवस की स्थापना 1985 में की गई थी और इसे पहली बार 1986 में मनाया गया था। तब से लेकर अब तक यह दिन शहरी क्षेत्रों की हालत को बेहतर बनाने के सामूहिक प्रयास की जिम्मेदारी की याद दिलाता रहा है। इस वर्ष की थीम है ‘बेहतर शहरी भविष्य बनाने के लिए युवाओं को शामिल करना’, जिसका उद्देश्य युवाओं को तेजी से बढ़ते शहरीकरण के मुद्दों और संभावनाओं में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है।
शहरीकरण और आवास की चुनौतियाँ
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, 2050 तक दुनिया की लगभग 70 प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी। इस बढ़ते शहरीकरण के परिणामस्वरूप गरीब, असमानता और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं और भी गंभीर हो सकती हैं, जिसके लिए समावेशी और सतत शहरी नियोजन की आवश्यकता है।
भारत, जो विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, अभी भी कम आय वाले निवासियों के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने में कठिनाइयों का सामना कर रहा है। भारत के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2012 में भारतीय शहरों में 1.9 करोड़ आवास यूनिटों का अंतर था। यह दिखाता है कि भारत को अभी भी सतत और किफायती शहरी विकास के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
2024 का स्क्रॉल ऑफ ऑनर अवार्ड
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएन-हैबिटेट, विश्व पर्यावास दिवस के अवसर पर 2024 का प्रतिष्ठित स्क्रॉल ऑफ ऑनर अवार्ड प्रदान करेगी। यह पुरस्कार उन पहलों को मान्यता देने के लिए दिया जाता है जिन्होंने आश्रय प्रावधान, बेघरों की समस्याओं को उजागर करने, संघर्ष के बाद पुनर्निर्माण, और शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस साल यह पुरस्कार मेक्सिको के क्वेरेटारो शहर में विश्व पर्यावास दिवस के वैश्विक आयोजन में प्रदान किया जाएगा।
सतत शहरी विकास की दिशा में प्रयास
हालांकि दुनिया भर में शहरी क्षेत्रों में सुधार के लिए कई प्रयास किए गए हैं, फिर भी गरीबी, असमानता, और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के कारण संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति में कठिनाइयाँ बनी हुई हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए, विश्व पर्यावास दिवस का उद्देश्य वैश्विक समुदाय को यह याद दिलाना है कि हमें लोगों के आवास के भविष्य के प्रति अपनी सामूहिक जिम्मेदारी को समझना और उस पर काम करना होगा।
इस दिन के अवसर पर विभिन्न देशों में जागरूकता बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। युवाओं को शहरी विकास में शामिल करने की इस साल की थीम के माध्यम से उम्मीद की जा रही है कि आने वाली पीढ़ी शहरी विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी और बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए नवाचारी विचार और समाधान प्रस्तुत करेगी।