What is Metabolic Syndrome: मेटाबोलिक सिंड्रोम एक समूह होता है जिसमें शरीर में एक साथ कई स्वास्थ समस्याएं उत्पन्न होती हैं। जिसमें मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर, ज्यादा पेट की चर्बी और इम्बैलेंस कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड का स्तरशामिल होता है। ये सभी समस्याएं एक साथ होने पर हार्ट डिसीज, डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मेटाबोलिक सिंड्रोम आज की जीवनशैली, खानपान और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण अधिक सामान्य हो गया है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम का कारण
मेटाबोलिक सिंड्रोम का मुख्य कारण लाइफस्टाइल से जुड़ा हुआ है। ख़राब आहार, ज्यादा वजन, शारीरिक एक्टिविटी की कमी, धूम्रपान अत्यधिक शराब और तनाव इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं। इसके अलावा कुछ जेनेटिक के कारण इसका खतरा बढ़ जाता है।
मोटापा, खासकर पेट के आसपास चर्बी जमा होना, मेटाबोलिक सिंड्रोम के मुख्य कारण है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम के लक्षण
मेटाबोलिक सिंड्रोम के लक्षण में वजन बढ़ाना, विशेष रूप से पेट के चारो ओर चर्बी जमा होना, हाई ब्लडप्रेशर, बढ़ी हुई ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड स्तर का असंतुलन शामिल है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह दिल का और या टाइप 2
डायबिटीज का कारण बन सकता है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम से बचाव
मेटाबोलिक सिंड्रोम के बचाव के लिए स्वास्थ लाइफस्टाइल अपनाना जरुरी है। संतुलित आहार, नियमित व्यायम, वजन पर नियंत्रित, धूम्रपान और शराब का सेवन करने और तनाव को मैनेज करने इसके प्रमुख उपाय हैं।
स्वस्थ आहार: फाइबर युक्त भोजन, ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन करें।
नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि करें।
वजन नियंत्रण: स्वस्थ वजन बनाए रखने की कोशिश करें, विशेष रूप से पेट के आसपास की चर्बी को कम करें।
तनाव का प्रबंधन: योग, ध्यान और अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें।
धूम्रपान से बचें: धूम्रपान मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम को बढ़ा सकता है, इसलिए इसे छोड़ना आवश्यक है।