Adampur Dumping Site: सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल नगर निगम को ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 का पालन न करने के लिए कड़ी फटकार लगाई है। यह मामला पर्यावरणविद डॉ. सुभाष सी. पांडे द्वारा दायर एक याचिका के संबंध में सुनवाई के दौरान सामने आया, जिसमें भोपाल के आदमपुर डंपिंग साइट पर हाल ही में लगी आग का मुद्दा उठाया गया था।

कोर्ट ने कहा कि भोपाल नगर निगम के डंपिंग साइट पर अनुपचारित ठोस कचरे के ढेर के कारण चार से पांच दिनों तक आग लगी रही। कोर्ट ने बताया कि यह इस स्थान पर आग लगने की नौवीं घटना है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह सब नगर निगम द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 का पालन न करने के कारण हुआ है।
CPCB को रिपोर्ट देने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल नगर निगम को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को मामले में पक्षकार बनाने की अनुमति दी। कोर्ट ने सीपीसीबी को निर्देश दिया कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों को आग वाली जगह का दौरा करने और आग के कारणों का पता लगाने के लिए भेजे। सीपीसीबी को छह सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया, जिसमें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल आवश्यक उपायों का उल्लेख हो।
अगली सुनवाई कब को होगी ?

कोर्ट ने भोपाल नगर निगम को निर्देश दिया कि वह आग को पूरी तरह बुझाने के लिए तत्काल कदम उठाए, यदि यह अभी तक नहीं बुझी है, और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी, जब सीपीसीबी की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा।
आदमपुर डंपिंग साइट के निवासियों को इलाज का आदेश
इसके साथ ही, कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को निर्देश दिया कि वे पैरा-लीगल स्वयंसेवकों की मदद से यह जांच करें कि डंपिंग साइट के आसपास रहने वाले नागरिकों का स्वास्थ्य इस आग के कारण प्रभावित हुआ है या नहीं। यदि स्वास्थ्य पर असर पाया जाता है, तो विधिक सेवा प्राधिकरण को सरकारी अस्पतालों के साथ समन्वय कर प्रभावित निवासियों को उचित इलाज सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।

यह मामला भोपाल में कचरा प्रबंधन की गंभीर स्थिति को उजागर करता है और नगर निगम की लापरवाही पर सवाल उठाता है। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम पर्यावरण संरक्षण और नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।