दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। राजधानी की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई है, जहां सोमवार 21 अक्टूबर को सुबह 8 बजे औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 307 रिकॉर्ड किया गया। यह “बहुत खराब” श्रेणी में आता है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली के कई इलाकों का AQI 300 के पार चला गया है, जिसमें आनंद विहार (362), अशोक विहार (329), बवाना (356) और जहांगीरपुरी (343) जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
पराली जलाने का बढ़ता प्रभाव
दिल्ली की बिगड़ती हवा का मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बताई जा रही हैं। रविवार को PM2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 1.7% था, जो सोमवार को बढ़कर 2.8% हो गया। विशेषज्ञों का मानना है कि मंगलवार को यह और भी बढ़ सकता है, जिससे पराली जलाने का योगदान 7% तक पहुंचने की संभावना है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण और बढ़ सकता है, जिससे दिल्लीवासियों की मुश्किलें और बढ़ेंगी।
दिल्ली सरकार और पड़ोसी राज्यों के बीच सियासत तेज
प्रदूषण के इस गंभीर मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बढ़ते प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं की वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, लेकिन केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारें इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं।
इस आरोप पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पलटवार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली जलाने को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, और दिल्ली सरकार को भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ रहा है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु गुणवत्ता के बिगड़ने से सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को इस प्रदूषण से अधिक खतरा है। अस्पतालों में सांस संबंधी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और चिकित्सकों ने लोगों को मास्क पहनने, बाहर की गतिविधियों को सीमित करने और घर के अंदर रहने की सलाह दी है।
NCR में भी प्रदूषण का असर
दिल्ली के साथ-साथ NCR के शहरों में भी वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। गाजियाबाद का AQI 256, नोएडा का 247, गुरुग्राम का 216 और फरीदाबाद का 166 रिकॉर्ड किया गया। यह सभी क्षेत्र “खराब” और “बहुत खराब” श्रेणी में आते हैं, जिससे इन क्षेत्रों के निवासियों को भी सांस लेने में परेशानी हो रही है।
मौसम से थोड़ी राहत की उम्मीद, लेकिन प्रदूषण बना रहेगा खतरा
हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की दिशा और वेंटिलेशन इंडेक्स में सुधार के चलते थोड़ी राहत की उम्मीद है, लेकिन पराली जलाने की घटनाओं के चलते हवा में प्रदूषण का स्तर अभी भी गंभीर बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा का बहाव पूर्व से हो रहा है, जिससे कुछ प्रदूषक फैल सकते हैं, लेकिन उत्तर-पश्चिमी हवाओं का रुख होने पर पराली जलाने का धुआं दिल्ली की ओर बढ़ सकता है और प्रदूषण की स्थिति और खराब हो सकती है।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर होता जा रहा है, और आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। पराली जलाने की घटनाओं से प्रदूषण में वृद्धि हो रही है, और इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। ऐसे में सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है।