दुनिया के 9 देशों में फैले अमेजन के जंगलों को पृथ्वी का फेफड़ा कहा जाता है. क्योंकि दुनिया को मिलने वाली कुल ऑक्सीजन का करीब 20 फीसदी हिस्सा हमें अमेजन के जंगलों से ही मिलता है. अमेजन के जंगल धरती पर मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड को सोख लेते हैं, जो कि जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) के प्रमुख कारकों में से एक है.
दुनिया के सबसे बड़े वर्षा वन अमेजन को लेकर एक स्टडी में बड़ा खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक बीते 4 दशक में अमेजन के जंगल ने जर्मनी और फ्रांस दोनों देशों के बराबर क्षेत्रफल खो दिया है. इसका प्रमुख कारण वनों की कटाई बताया गया है. अमेजन के जंगल पृथ्वी पर जलवायु संतुलन बनाए रखने और ग्लोबल वॉर्मिंग से लड़ने में हमारी मदद करते हैं.
माइनिंग और कृषि के उद्देश्य से की गई वनों की कटाई के चलते अमेजन के जंगल ने अपना 12.5 फीसदी क्षेत्रफल खो दिया है. शोधकर्ताओं के मुताबिक यह नुकसान 1985 से लेकर 2023 के बीच हुआ है. शोधकर्ताओं ने कहा है कि उन्होंने अमेजन के जंगलों की जमीन का खनन, कृषि और पशुधन के लिए इस्तेमाल में खतरनाक तेजी दर्ज की है, जिसमें तुरंत बदलाव की जरूरत है.
अमेजन के जंगल ब्राजील, बोलीविया, पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया, वेनेजुएला, गुयाना, सुरीनाम और फ्रेंच गुयाना तक में फैला है. करीब 8 लाख 80 हजार स्क्वायर किलोमीटर में फैला ये जंगल पृथ्वी का तापमान संतुलित रखने और वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी बड़ी भूमिका निभाता है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक अमेजन के जंगलों की कटाई से बड़ी संख्या में पारिस्थितिकी तंत्र गायब हो गए हैं और उनकी जगह चरागाहों, सोयाबीन के खेतों, अन्य मोनोकल्चर के विशाल विस्तार ने ले ली है, या सोने के खनन के लिए गड्ढों में तब्दील हो गए हैं.