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दिल्ली में जल निकायों की घटती संख्या और बाढ़ की समस्या पर एनजीटी चिंतित

by kishanchaubey
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दिल्ली वेटलैंड्स अथॉरिटी ने दो दिसंबर, 2024 को जानकारी दी कि राजधानी में कुल 1,367 जल निकाय हैं। इनमें से 1,045 जल निकायों की सूची पहले से तैयार है, जबकि 322 नए जल निकायों का पता उपग्रह तस्वीरों के माध्यम से चला है।

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इनमें से 674 जल निकायों का जमीनी सत्यापन किया जा चुका है। ये वे जल निकाय हैं जो स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने पांच दिसंबर, 2024 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में रिपोर्ट सौंपी, जिसमें इन जानकारियों को साझा किया गया।

यह मुद्दा राजधानी में जल निकायों के घटते स्तर और बढ़ती बाढ़ की घटनाओं से सीधे जुड़ा है। जल निकायों की सही पहचान और प्रबंधन के लिए अप्रैल 2024 में हुई एकीकृत नाला प्रबंधन प्रकोष्ठ (IDMC) की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।

20 मई, 2024 को डीपीसीसी को दिल्ली वेटलैंड्स प्राधिकरण से 1,045 और 322 जल निकायों की सूची मिली, जिसे जमीनी स्तर पर सत्यापन के लिए जिलाधिकारियों को भेजा गया। यह कदम दिल्ली के जल निकायों के संरक्षण और बाढ़ की समस्या से निपटने में अहम है।

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गुजरात में अवैध खनन पर एनजीटी की कार्रवाई:

गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के मुली, सायला और थानगढ़ गांवों में अवैध खनन के मामले पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त कदम उठाए हैं।

चार दिसंबर, 2024 को एनजीटी ने कहा कि जिला प्रशासन ने अवैध खनन को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। जिला कलेक्टर ने स्थानीय अधिकारियों को खनन रोकने और जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

एनजीटी ने जुलाई 2024 में इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था, जब एक खबर में अवैध खनन के दौरान तीन लोगों की मौत का जिक्र किया गया था। इसके बाद कार्रवाई तेज की गई और स्थानीय लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

पुणे में वायु प्रदूषण रोकने के लिए एनजीटी के आदेश:

पुणे के वाघोली-भावड़ी-लोनीकांड रोड पर बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए एनजीटी ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को तीन महीने के भीतर सड़कों की मरम्मत और कंक्रीटिंग का काम पूरा करने का आदेश दिया है।

यह इलाका भारी वाहनों की आवाजाही के कारण धूल प्रदूषण से प्रभावित है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) की रिपोर्ट के मुताबिक, सड़कों पर सुबह 7 से 10 बजे और शाम 5 से 9 बजे के बीच भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इसके अलावा, प्रदूषण फैलाने वाले 2,275 वाहनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। स्टोन क्रशर एसोसिएशन को निर्देश दिया गया है कि वे आरएमसी (रेडी मिक्स कंक्रीट) के परिवहन के दौरान धूल को नियंत्रित करें।

सड़कों की सफाई के लिए हाइड्रोलिक ब्रूमर मशीन का उपयोग किया जा रहा है और पानी का छिड़काव किया जा रहा है। एनजीटी ने एमपीसीबी की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए नियमित निरीक्षण करने और समयसीमा के भीतर प्रदूषण रोकने का निर्देश दिया है।

यह आदेश इसलिए अहम है क्योंकि वाघोली और बावड़ी जैसे गांवों से प्रतिदिन करीब 60-70 ट्रक गुजरते हैं, जो वायु प्रदूषण की सीमा को पार कर रहे हैं और सड़कों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

इन मामलों में एनजीटी द्वारा दिए गए निर्देश पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में अहम कदम हैं। चाहे दिल्ली के जल निकायों की स्थिति हो, गुजरात में अवैध खनन का मुद्दा हो, या पुणे में वायु प्रदूषण से निपटने का मामला, ये सभी प्रयास पर्यावरण और मानव जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए उठाए गए प्रभावी कदम हैं।

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