ग्लेशियरों और बर्फीले क्षेत्रों के पिघलने से न केवल जलवायु परिवर्तन की गंभीरता सामने आ रही है, बल्कि यह हजारों साल पुरानी मानव सभ्यता की अनकही कहानियों को भी उजागर कर रहा है। ये कहानियां हमें मानव कौशल, साहसिकता, आस्था और संघर्ष की झलक देती हैं।
5,000 साल पुरानी कहानी: ओत्ज़ी ममी का रहस्य
लगभग 5,000 साल पहले, एक व्यक्ति, जिसकी उम्र करीब 40 साल थी, ओत्ज़टल आल्प्स (इटली और ऑस्ट्रिया की सीमा पर स्थित) के एक खड़ी पहाड़ की चढ़ाई कर रहा था। वह 3,000 मीटर (9,800 फीट) की ऊंचाई पर था। उसके पास धारीदार बकरी की खाल से बनी जैकेट, भालू के फर से बनी टोपी और मजबूत जूते थे, जिनके तलवे भालू की खाल से बने थे।
वह जल्दी में था और उसके पास अधूरी चीजें थीं, जैसे:
- एक अधूरी धनुष और तीर।
- तांबे की कीमती कुल्हाड़ी।
- औषधीय मशरूम।
- बर्च छाल से बने दो पोर्टेबल स्टोव।
लेकिन उसके सफर का अंत दर्दनाक था। एक तीर उसके कंधे में लगा, जिससे एक धमनी कट गई और उसकी मौत हो गई। उसकी देह और सामान बर्फ में दब गए और हजारों साल तक वहीं रहे।
बर्फ से बाहर आते प्राचीन अवशेष
ओत्ज़ी अकेला नहीं था। आल्प्स के अन्य हिस्सों में भी बर्फ में दबे शव और प्राचीन वस्तुएं मिलीं। लेकिन पिछले कुछ दशकों में ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने के कारण ऐसी खोजों की संख्या बढ़ी है। यह नया वैज्ञानिक क्षेत्र “ग्लेशियल आर्कियोलॉजी” के नाम से जाना जाता है।
ग्लेशियल आर्कियोलॉजिस्ट थॉमस रीटमेयर कहते हैं, “ग्लेशियर समय-समय पर लोगों और चीजों को निगल लेते हैं और फिर पिघलने पर उन्हें बाहर निकालते हैं।” जर्मन भाषा में इसके लिए एक शब्द है: “आउसगेपर्ट”, जिसका अर्थ है बर्फ से किसी चीज़ का उजागर होना।
मूलभूत खोजें और तकनीकी नवाचार
ग्लेशियरों से उजागर हुए अवशेषों में मानव कौशल और तकनीकी नवाचार की झलक मिलती है। इनमें शामिल हैं:
- 6,000 साल पुराना दुनिया का सबसे पुराना स्नो शू।
- रोमन साम्राज्य के समय के सिक्के, जो पर्वतीय देवताओं को अर्पित किए जाते थे, ताकि खतरनाक पहाड़ी रास्तों को पार किया जा सके।
17वीं शताब्दी की एक महिला की कहानी
कुछ खोजें इतनी पुरानी नहीं हैं, लेकिन उतनी ही रहस्यमय और मार्मिक हैं। 17वीं शताब्दी में, स्विट्ज़रलैंड की एक महिला, जो पुरुषों के कोट और अलग-अलग जूते पहने हुए थी, ग्लेशियर पार करने की कोशिश कर रही थी। उसके पास एक लकड़ी का कटोरा, चम्मच और माला थी। उसकी मौत गिरने या ठंड से हो गई। उसकी देह 1980 के दशक में बर्फ के पिघलने पर मिली।
पुराने रास्तों की अनवरत उपयोगिता
2003 की रिकॉर्ड गर्मियों में स्विट्ज़रलैंड के श्निडेयोच रिज के नीचे छिपे इतिहास का एक बड़ा हिस्सा सामने आया। इस रिज से मिली चीज़ें बताती हैं कि 4800 ईसा पूर्व से लेकर मध्यकाल और आधुनिक युग तक इस रास्ते का उपयोग होता रहा।
- इन रास्तों से लोग यात्रा करते थे, व्यापार करते थे, या शिकार करते थे।
- रास्ते में सामान गिरता था या किसी की मौत हो जाती थी।
रीटमेयर कहते हैं कि जब तक सड़कें, रेल और सुरंगें नहीं बनीं, ये पहाड़ी रास्ते मानव यात्रा और व्यापार के लिए बहुत अहम थे।
मानव संघर्ष और साहस की कहानियां
ग्लेशियरों के पिघलने से हमें यह समझने का मौका मिलता है कि कैसे हजारों साल पहले भी इंसानों ने दुर्गम पहाड़ों को पार करने का साहस और कौशल दिखाया। चाहे वह जीवन बचाने के लिए हो, शिकार के लिए हो, या किसी अन्य कारण से। इन खोजों से यह भी पता चलता है कि इंसान ने अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए हमेशा नए-नए तरीके खोजे।
ग्लेशियरों से उभरती ये कहानियां इतिहास, विज्ञान और मानवता की एक अद्भुत झलक पेश करती हैं।