New Delhi, December 21: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार सुबह दिल्ली के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। नेहरू नगर में AQI का स्तर 434 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। वहीं, नोएडा, गुरुग्राम और अन्य हिस्से भी घने स्मॉग की चपेट में हैं।
प्रदूषण का मुख्य कारण: PM2.5
इस खराब स्थिति का सबसे बड़ा कारण PM2.5 कण हैं। ये बेहद छोटे और खतरनाक कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और रक्त प्रवाह में मिलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और हृदय या श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए जानलेवा हो सकती है।
36 में से 20 मॉनिटरिंग स्टेशन ‘गंभीर’ श्रेणी में
दिल्ली में मौजूद 36 वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 20 ने शनिवार सुबह 8 बजे ‘गंभीर’ श्रेणी की वायु गुणवत्ता दर्ज की। शुक्रवार को औसत AQI 429 था। इसमें से 14 स्टेशनों पर AQI 450 से अधिक, यानी ‘सर्वाधिक गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
तापमान और स्मॉग की भूमिका
शुक्रवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस समय के औसत से थोड़ा अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान में इस तरह के बदलाव और हवा की धीमी गति ने स्मॉग को और गहरा बना दिया है।
क्या करें नागरिक?
- बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल करें।
- घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषित वातावरण से बचाने की कोशिश करें।
- वाहनों का कम से कम उपयोग करें और सार्वजनिक परिवहन को अपनाएं।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के इस गंभीर स्तर को देखते हुए यह जरूरी है कि सरकार और आम नागरिक मिलकर ठोस कदम उठाएं। वायु प्रदूषण से लड़ना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।