दिल्ली में बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी वायु गुणवत्ता (Air Quality) ‘खराब’ श्रेणी में रही। हालांकि, प्रदूषण स्तर में मामूली गिरावट देखी गई, जिससे लोगों को राहत मिली।
AQI के आंकड़े और स्थिति
सुबह 8 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 211 था, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। विभिन्न स्थानों पर AQI का हाल इस प्रकार रहा:
- मध्यम श्रेणी (101-200):
- ITO: 161
- अलीपुर: 190
- चांदनी चौक: 181
- जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम: 197
- खराब श्रेणी (201-300):
- अशोक विहार: 222
- लोधी रोड: 218
- पटपड़गंज: 216
AQI पैमाना:
- 0-50: अच्छा
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-500: गंभीर
लोगों की प्रतिक्रिया
इंडिया गेट और अन्य स्थानों पर कई लोग सुबह की सैर और व्यायाम करते नजर आए। प्रदूषण में आई गिरावट के कारण वे राहत महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय निवासी अनमोल ने कहा:
“प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है। अब हम अपनी रोजमर्रा की गतिविधियां फिर से शुरू कर पा रहे हैं। यह एक अच्छा संकेत है।”
दूसरे स्थानीय निवासी ने भी दिल्ली की बेहतर दृश्यता की ओर ध्यान दिलाया।
“अब आप इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन को साफ-साफ देख सकते हैं। दृश्यता पहले से काफी बेहतर हो गई है,” उन्होंने कहा।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-IV) के तहत लगे प्रतिबंधों में फिलहाल कोई ढील नहीं दी गई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब तक वायु गुणवत्ता में निरंतर सुधार नहीं होगा, तब तक प्रतिबंधों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
अगली सुनवाई:
- कोर्ट ने गुरुवार को इस मुद्दे पर अगली चर्चा के लिए NCR के राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश – के मुख्य सचिवों को वर्चुअल उपस्थित होने का आदेश दिया है।
- न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और एजी मसीह की बेंच ने निर्माण श्रमिकों को मुआवजा देने में इन राज्यों की विफलता पर नाराजगी जताई।
- अदालत ने कहा, “मुख्य सचिवों की उपस्थिति से ही अधिकारियों को कार्रवाई के लिए मजबूर किया जा सकता है।”
GRAP-IV के प्रतिबंध
GRAP-IV के तहत निर्माण कार्यों पर रोक और अन्य सख्त नियम लागू किए गए हैं। अदालत ने कहा कि इन प्रतिबंधों को हटाने पर विचार तभी किया जाएगा जब AQI में लगातार सुधार दिखे।
निष्कर्ष
हालांकि दिल्ली की हवा में हल्का सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और प्रदूषण नियंत्रण के उपायों से स्थिति में और सुधार होने की उम्मीद है।