लातूर शहर और महाराष्ट्र के शुष्क मराठवाड़ा क्षेत्र के कई हिस्सों में 27 मई 2025 को भारी बारिश और बादल फटने जैसी स्थिति के कारण बाढ़ और अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) की स्थिति बन गई है। ऑल इंडिया रेडियो और पीटीआई की रिपोर्ट्स के अनुसार, लातूर में अभूतपूर्व बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
आश्चर्यजनक रूप से, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुंबई क्षेत्रीय केंद्र ने लातूर या मराठवाड़ा के अन्य जिलों—औरंगाबाद, जलना, बीड, परभणी, नांदेड़, धाराशिव (पूर्व उस्मानाबाद) और हिंगोली—के लिए 27 मई को अत्यधिक बारिश की कोई चेतावनी जारी नहीं की थी। मौसम विभाग ने केवल आंधी, बिजली गिरने और तेज हवाओं (30-40 किमी/घंटा) की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, 27 मई की राष्ट्रीय प्रेस विज्ञप्ति में मराठवाड़ा में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई गई थी।
लातूर, जो महाराष्ट्र के सबसे शुष्क और सूखा प्रवृत्त जिलों में से एक है, के लिए यह बाढ़ एक बड़ा झटका है। 2016 में इस जिले में पानी की भारी कमी के कारण प्रशासन को विशेष “वाटर ट्रेन” के जरिए पानी की आपूर्ति करनी पड़ी थी। इस बार, पिछले तीन हफ्तों में लगातार बारिश ने स्थिति को और जटिल कर दिया है।
आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च से 8 मई तक लातूर में 22.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 11% अधिक थी। 16 मई तक यह आंकड़ा 39.8 मिमी हो गया, जो सामान्य से 67% अधिक था। इसके बाद 24 मई तक बारिश 245.5 मिमी तक पहुंच गई, जो सामान्य से 774% अधिक थी। 27 मई को यह आंकड़ा और बढ़कर 264.5 मिमी हो गया, जो सामान्य से 745% अधिक है।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस अप्रत्याशित बारिश का कारण दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का जल्दी आगमन और अन्य वायुमंडलीय प्रणालियां हो सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून 26 मई को पुणे और सोलापुर तक पहुंच चुका था और अगले दो-तीन दिनों में मराठवाड़ा में और आगे बढ़ने की संभावना थी।
इसके अलावा, मध्य प्रदेश और दक्षिण छत्तीसगढ़-विदर्भ क्षेत्र में मौजूद ऊपरी वायुसंचलन (अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन) और 17 डिग्री उत्तर अक्षांश पर स्थित शीयर जोन ने भारी बारिश को बढ़ावा दिया। यह शीयर जोन लातूर के अक्षांश (18.4 डिग्री उत्तर) के करीब है और ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। इसके साथ ही, उत्तर कोंकण और पूर्वी-मध्य अरबी सागर के ऊपर एक और वायुसंचलन ने भी मौसम को प्रभावित किया।
मौसम विभाग ने 28 मई के लिए लातूर में आंधी, बिजली गिरने और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है, जबकि 29 मई के लिए कोई विशेष चेतावनी नहीं दी गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा है, और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
यह अप्रत्याशित मौसमी घटना लातूर और मराठवाड़ा के लिए एक अभूतपूर्व चुनौती बनकर उभरी है, जो सामान्य रूप से सूखे की मार झेलने वाले इस क्षेत्र के लिए मौसम की चरम अनिश्चितता को दर्शाती है।