नई दिल्ली, 09 मई 2025: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 08 मई 2025 के आंकड़ों ने देश में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को उजागर किया है। दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों को पीछे छोड़ते हुए त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 302 दर्ज किया गया।
यह पिछले दिन की तुलना में 263 अंकों का भारी उछाल दर्शाता है। अगरतला की हवा में ओजोन का स्तर प्रमुख रूप से हावी रहा, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
देश के सबसे प्रदूषित शहर
CPCB के अनुसार, अगरतला के बाद दुर्गापुर (AQI 182) दूसरे और नगांव (AQI 175) तीसरे स्थान पर रहे। भिवाड़ी (AQI 170) चौथे, मुजफ्फरनगर (AQI अज्ञात, पांचवां स्थान), दिल्ली (AQI 169) छठे, बागपत (AQI 159) सातवें, झालावाड़ (AQI 157) आठवें, बीकानेर (AQI 153) नौवें और ग्रेटर नोएडा (AQI 141) दसवें स्थान पर रहे। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले दिन की तुलना में 16 अंक बढ़ा, लेकिन यह अभी भी ‘मध्यम’ श्रेणी में है।
प्रमुख प्रदूषकों का प्रभाव
रुझानों से पता चला कि अगरतला, बीकानेर और मेरठ में ओजोन प्रदूषण प्रमुख रहा, जबकि बागपत, ग्रेटर नोएडा, अररिया और दौसा में PM10 (मोटे कण) और मुजफ्फरनगर, गुरुग्राम, पंचगांव, हाजीपुर में PM2.5 (सूक्ष्म कण) ने हवा की गुणवत्ता को खराब किया। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, खासकर संवेदनशील समूहों जैसे बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगियों के लिए।
साफ हवा वाले शहर
दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के दमोह में सबसे साफ हवा दर्ज की गई, जहां AQI केवल 26 रहा। अगरतला की तुलना में दमोह की हवा 11 गुना बेहतर थी। दमोह के अलावा, गंगटोक, हुबली, इंदौर, जलना, झांसी, लातूर, मदिकेरी, मंडीदीप, मीरा-भायंदर, नागपट्टिन 43 शहरों में AQI 50 से नीचे रहा, जो ‘बेहतर’ श्रेणी को दर्शाता है। साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 23% की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक सकारात्मक संकेत है।
संतोषजनक और मध्यम वायु गुणवत्ता
देश के 141 शहरों, जैसे कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पुणे, और हैदराबाद में वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ (AQI 51-100) रही। इन शहरों की संख्या में 4% की बढ़ोतरी हुई। वहीं, 39 शहरों, जैसे दिल्ली, दुर्गापुर, गाजियाबाद, और पटना में AQI 101-200 के बीच रहा, जो ‘मध्यम’ श्रेणी को दर्शाता है। मध्यम श्रेणी वाले शहरों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ।
वायु गुणवत्ता सूचकांक का महत्व
AQI हवा की गुणवत्ता को मापने का एक महत्वपूर्ण पैमाना है। इसके अनुसार:
- 0-50: बेहतर (स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित)
- 51-100: संतोषजनक (मामूली जोखिम)
- 101-200: मध्यम (संवेदनशील समूहों के लिए हानिकारक)
- 201-300: खराब (स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव)
- 301-400: बहुत खराब (लंबे समय तक नुकसान)
- 401-500: गंभीर (स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक)
अगरतला का AQI 302 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है।
दिल्ली की स्थिति
दिल्ली में AQI 169 के साथ मध्यम श्रेणी में रहा, लेकिन पिछले चार महीनों (जनवरी-अप्रैल 2025) में एक भी दिन ऐसा नहीं था जब हवा ‘बेहतर’ रही। नवंबर 2024 में आठ दिन और दिसंबर 2024 में छह दिन AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में था, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया था।
अन्य प्रमुख शहरों का हाल
- मुंबई: AQI 54 (संतोषजनक)
- लखनऊ: AQI 100 (संतोषजनक)
- चेन्नई: AQI 60 (संतोषजनक)
- चंडीगढ़: AQI 81 (संतोषजनक)
- हैदराबाद: AQI 71 (संतोषजनक)
- जयपुर: AQI 90 (संतोषजनक)
- पटना: AQI 123 (मध्यम)
- ग्वालियर: AQI 76 (संतोषजनक)
- गाजियाबाद: AQI 128 (मध्यम)
- गुरुग्राम: AQI 131 (मध्यम)
- नोएडा: AQI 126 (मध्यम)