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देश में वायु प्रदूषण चरम पर, दिल्ली और बर्नीहाट सबसे अधिक प्रभावित

by kishanchaubey
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Air Pollution: देश में वायु प्रदूषण की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, कई शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 जनवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली और बर्नीहाट जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर है।

सबसे प्रदूषित शहर

  • बर्नीहाट: बर्नीहाट देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां AQI 395 दर्ज किया गया।
  • दिल्ली: दिल्ली का AQI 368 रहा, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।
  • बद्दी: बद्दी का AQI 309 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
  • चंडीगढ़: चंडीगढ़ में AQI 300 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।

खराब हवा वाले प्रमुख शहर

देश के 29 बड़े और छोटे शहरों में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में है। इनमें औरंगाबाद (बिहार), बैरकपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, गाजियाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गया, राजगीर और उदयपुर जैसे शहर शामिल हैं।

दिल्ली और एनसीआर में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। गाजियाबाद में AQI 236, नोएडा में 253, ग्रेटर नोएडा में 298 और गुरुग्राम में 291 दर्ज किया गया।

साफ हवा वाले शहर

जहां प्रदूषण की समस्या गंभीर है, वहीं कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

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  • मदिकेरी: मदिकेरी का AQI 31 रहा, जो इसे देश का सबसे साफ शहर बनाता है।
  • अन्य शहर: ऊटी, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली और विजयपुरा जैसे शहरों में भी हवा साफ रही। देश के कुल 12 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘बेहतर’ (0-50) श्रेणी में रही।

संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहर

देश के 78 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ (51-100) रही। इनमें इंदौर, गांधीनगर, मैसूर, नागपुर, प्रयागराज, रतलाम और सलेम जैसे शहर शामिल हैं। इन शहरों में प्रदूषण का स्तर कम है लेकिन सतर्कता बरतने की जरूरत है।

मध्यम श्रेणी में शहर

114 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ (101-200) श्रेणी में दर्ज की गई। इनमें मुंबई (155), लखनऊ (152), पटना (192), जयपुर (131), और भोपाल (135) जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं।

प्रदूषण का बढ़ता स्तर

18 जनवरी 2025 की तुलना में, देश में ‘खराब’ वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 12% की वृद्धि हुई है। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कल की तुलना में 113 अंक बढ़कर 368 पर पहुंच गया, जिससे यह ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आ गया।

दिसंबर और नवंबर के आंकड़े

पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर बना रहा।

  • दिसंबर 2024: पूरे महीने में एक भी दिन ऐसा नहीं था जब वायु गुणवत्ता ‘सामान्य’ रही हो।
  • नवंबर 2024: आठ दिनों तक वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी।

हवा की गुणवत्ता में बदलाव

  • ‘बेहतर’ हवा वाले शहरों की संख्या में 33% का इजाफा हुआ है।
  • ‘संतोषजनक’ हवा वाले शहरों की संख्या में 16% का इजाफा हुआ है।
  • ‘मध्यम’ हवा वाले शहरों की संख्या में 14% की गिरावट हुई है।

क्या करें?

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए नागरिकों और प्रशासन दोनों को मिलकर प्रयास करने होंगे। वाहन उत्सर्जन को नियंत्रित करना, कचरे को खुले में जलाने से रोकना और हरित क्षेत्र बढ़ाना इसके कुछ प्रमुख उपाय हो सकते हैं।

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