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कृषि क्षेत्र में 2024-25 में तेज़ी से विकास की उम्मीद: अनुकूल मानसून बना आधार

by kishanchaubey
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Agriculture Growth: प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी.के. मिश्रा ने कहा कि 2024-25 वित्तीय वर्ष में भारत का कृषि क्षेत्र तेज़ी से विकास करेगा, जिसका मुख्य कारण अनुकूल मानसून है। उन्होंने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा,

“इस साल मानसून अच्छा रहा है… मैं इस साल को लेकर बेहद आशावादी हूं।”

कृषि क्षेत्र की मौजूदा स्थिति

  • 2023-24 में गिरावट: पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) में कृषि और संबंधित क्षेत्रों की विकास दर घटकर 1.4% रह गई थी।
  • 2024-25 में उछाल की उम्मीद: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में संकेत दिया कि इस साल यह दर बढ़कर 3.5-4% तक पहुंच सकती है।

पिछले वर्षों की उपलब्धियां

  • 2016-17 से 2022-23 तक प्रदर्शन: इस अवधि में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों ने 5% की औसत वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की।
  • महामारी के दौरान योगदान: कोविड-19 महामारी के कठिन समय में भी यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
  • पशुपालन और मत्स्य पालन: इन उपक्षेत्रों का प्रदर्शन भी उल्लेखनीय रहा, जिसने कुल वृद्धि में बड़ा योगदान दिया।

चुनौतियां और समाधान

  1. दलहन और तिलहन उत्पादन की समस्या:
    • दलहन का उत्पादन पिछले एक दशक में बढ़कर 14 मिलियन टन से 24-25 मिलियन टन हो गया है।
    • इसके बावजूद, भारत अभी तक आत्मनिर्भर नहीं बन पाया है।
    • मिश्रा ने कहा,“इस क्षेत्र में काफी शोध कार्य चल रहा है, और हम जल्द ही महत्वपूर्ण प्रगति करेंगे।”
  2. अनुसंधान और तकनीकी विकास:
    • दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकारी और निजी संस्थान लगातार काम कर रहे हैं।
    • उन्नत बीज और बेहतर तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की कोशिश हो रही है।

आगे की संभावनाएं

  • मौसम की भूमिका: कृषि विकास में मानसून की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस साल बेहतर मानसून ने कृषि उत्पादन को गति दी है।
  • उपक्षेत्रों का योगदान: पशुपालन, मत्स्य पालन और कृषि प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में वृद्धि जारी रहने की संभावना है।

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