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ह्यूमन मेटा न्यूमोवायरस (एचएमपीवी): जानिए क्या है यह वायरस और कैसे करें बचाव

by kishanchaubey
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HMPV : चीन में ह्यूमन मेटा न्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बढ़ते मामलों से दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है। हालांकि, भारत में इस वायरस का प्रसार सीमित है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक अध्ययन में बताया है कि यह वायरस फरवरी के बाद धीरे-धीरे कम सक्रिय हो जाएगा।

क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन वायरस है, जो मुख्य रूप से मनुष्यों के फेफड़ों और श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। यह वायरस पैरामाइक्सोवायरस फैमिली का सदस्य है और सामान्यतः बच्चों, बुजुर्गों, और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में गंभीर संक्रमण का कारण बनता है। HMPV सर्दी-जुकाम, ब्रोंकाइटिस और यहां तक कि निमोनिया जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकता है।

  1. इसकी शुरुआत कहां से हुई?

HMPV को पहली बार 2001 में नीदरलैंड्स में खोजा गया था। वैज्ञानिकों ने इसे मानव फेफड़ों के नमूनों से अलग किया। हालाँकि, अध्ययन बताते हैं कि यह वायरस पिछले कई दशकों से मौजूद था और 1950 के दशक से मानव संक्रमण का कारण बन रहा था।

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  1. ये कब पहली बार सामने आया?

हालांकि वायरस को 2001 में पहचाना गया, रेट्रोस्पेक्टिव स्टडीज से पता चला कि HMPV के लक्षण 1950 के दशक में भी देखे गए थे। इसकी मौजूदगी पहले आम सर्दी के वायरस की तरह अनदेखी रह गई थी।

  1. कोरोना से इसकी तुलना क्यों हो रही है?

HMPV की तुलना कोरोना वायरस से इसलिए की जा रही है क्योंकि दोनों श्वसन संक्रमण का कारण बनते हैं और इनके लक्षण कई मामलों में समान होते हैं:

समानताएँ:

खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई।

गंभीर मामलों में निमोनिया।

अंतर:

HMPV का संक्रमण आमतौर पर मौसमी होता है और यह SARS-CoV-2 (कोरोना वायरस) की तरह महामारी का रूप नहीं लेता।

इसकी ट्रांसमिशन दर और मृत्यु दर काफी कम है।

  1. क्या ये कोरोना वायरस जितना खतरनाक है?

HMPV कोरोना वायरस जितना खतरनाक नहीं है। इसकी मृत्यु दर (Fatality Rate) कोरोना वायरस से बहुत कम है। हालाँकि, बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। इसका प्रसार धीमा है और यह SARS-CoV-2 जैसी वैश्विक महामारी का रूप नहीं लेता।

  1. भारत में अब तक कितने केस मिल चुके हैं?

HMPV के केस भारत में रिपोर्ट किए गए हैं, लेकिन इनकी संख्या सीमित है। यह वायरस मुख्य रूप से सर्दियों और मानसून के मौसम में उभरता है। 2025 की शुरुआत तक भारत में कुछ दर्जन मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से अधिकांश बच्चे और इम्यून-कॉम्प्रोमाइज्ड व्यक्ति थे।

  1. ये कितनी तेजी से फैल रहा है या फैल सकता है?

HMPV आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक के माध्यम से फैलता है। इसकी ट्रांसमिशन दर मध्यम है, यानी यह बहुत तेजी से नहीं फैलता। लेकिन बंद स्थानों, जैसे स्कूल, अस्पताल, या नर्सिंग होम में यह तेजी से फैल सकता है।

  1. इससे डरने की जरूरत है या यह कितना खतरनाक है?

सामान्य व्यक्तियों के लिए HMPV चिंता का विषय नहीं है।

बच्चों, बुजुर्गों, और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है।

सही इलाज और समय पर देखभाल से संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है।

  1. वायरस 2001 में ट्रेस हुआ तो ये फिर से कैसे एक्टिव हुआ?

हाल के वर्षों में HMPV की चर्चा इसलिए बढ़ी है क्योंकि यह मौसमी संक्रमणों के दौरान अधिक गंभीर मामलों के रूप में उभर रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसके पुन: सक्रिय होने के पीछे जलवायु परिवर्तन और असामान्य मौसम पैटर्न इसके प्रसार में योगदान दे सकते हैं। कोविड-19 के बाद कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में अन्य श्वसन संक्रमण अधिक गंभीर हो रहे हैं। HMPV की पहचान के लिए नई और बेहतर तकनीकों के कारण इसके अधिक मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं।

  1. हाल ही के समय में इस वायरस से कितनी मौतें हुई हैं?

पिछले कुछ महीनों में HMPV से संबंधित मौतों की संख्या सीमित है। विभिन्न देशों से रिपोर्ट किए गए आंकड़ों के अनुसार, HMPV के कारण हुई मौतें दुर्लभ हैं और इनमें मुख्य रूप से कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग शामिल हैं। 2025 की शुरुआत तक, भारत में HMPV से कोई व्यापक मौतें रिपोर्ट नहीं की गई हैं। हालांकि, कुछ गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता पड़ी है। कुल मिलाकर, इसका मृत्यु दर बहुत कम है।

  1. बचाव के क्या उपाय हैं?

HMPV से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

हाइजीन का पालन करें: नियमित रूप से हाथ धोएं।

मास्क पहनें: खासकर उन स्थानों पर जहां संक्रमण का खतरा अधिक हो।

साफ-सफाई: घर और सार्वजनिक स्थानों को साफ रखें।

सामाजिक दूरी: संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।

संतुलित आहार: इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए पौष्टिक भोजन करें।

टीकाकरण: हालांकि HMPV के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इन्फ्लुएंजा और निमोनिया से बचने के लिए संबंधित वैक्सीन लें।है।

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