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दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार, लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक

by kishanchaubey
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24 नवंबर की सुबह दिल्ली की हवा की गुणवत्ता (AQI) में हल्का सुधार हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुबह 8 बजे 362 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ से घटकर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गया है। हालांकि, कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर अभी भी खतरनाक बना हुआ है। कुछ स्थानों पर AQI 412 तक पहुँच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

गंभीर प्रदूषण वाले इलाके
दिल्ली के कई इलाकों जैसे वज़ीरपुर, आनंद विहार, विवेक विहार, जहांगीरपुरी, सोनिया विहार और नरेला में AQI 400 से अधिक है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। वहीं, कुछ इलाकों जैसे अया नगर (313) और IGI एयरपोर्ट (327) में स्थिति थोड़ी बेहतर है।

23 नवंबर को दिल्ली का औसत AQI 412 था, जिससे यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। वज़ीरपुर में AQI शाम तक 440 के खतरनाक स्तर पर पहुँच गया। इस गंभीर स्थिति के कारण दिल्ली में धुंध की मोटी परत छाई रही।

सरकार के कदम और चुनौतियाँ
प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 4 को लागू किया है। इसके तहत प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, “हमें शिकायतें मिली हैं कि वाहनों को बिना उचित जांच के दिल्ली में प्रवेश करने दिया जा रहा है। मैं खुद इस पर निगरानी के लिए आया हूँ।”

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स्वास्थ्य और पर्यावरण पर असर
प्रदूषण का असर दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर गहराई से पड़ रहा है।

  • श्वसन संबंधी बीमारियाँ: धूल और प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को ज्यादा खतरा है।
  • दीर्घकालिक प्रभाव: लंबे समय तक खराब हवा में रहने से फेफड़ों का कार्यक्षमता घटती है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
  • पर्यावरणीय नुकसान: वायु प्रदूषण से पेड़-पौधों की वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान होता है।

क्या करना चाहिए?
सरकार के साथ नागरिकों को भी प्रदूषण कम करने में योगदान देना होगा। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, कार पूलिंग को बढ़ावा दें, और खुले में कचरा जलाने से बचें। साथ ही, घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और मास्क पहनें।

दिल्ली में वायु प्रदूषण केवल एक मौसमीय समस्या नहीं है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक दीर्घकालिक खतरा है। इस संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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