Best Tiger Safari Park MP : मानसून सीजन में पूरी तरह से बंद रहने वाले ये नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व एक बार फिर से आम जन की सैर के लिए शुरू कर दिए गए हैं। वाइल्ड लाइफ के शौकीन टूरिस्ट ने यहां पहुंचना भी शुरू कर दिया है। जंगलों की सैर के लिए, टाइगर सफारी के लिए एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है। लेकिन वाइल्ड लाइफ को करीब से जानने के लिए उत्साहित टूरिस्ट बुकिंग करने से पहले सबसे पहला सवाल यही करते हैं… मध्य प्रदेश में टाइगर सफारी के लिए सबसे बेस्ट नेशनल पार्क या टाइगर रिजर्व कौन से हैं या फिर एमपी के टॉप 3 टाइगर सफारी पार्क कौन से हैं?
कान्हा नेशनल पार्क
कान्हा नेशनल पार्क में आपको चौंका देने वाले नजारे देखने का मौका मिल जाता है। इसके साथ ही यहां वन्य जीवों की विविधता भी है, इनमें कई लुप्तप्राय दुर्लभ जंगली जानवर भी नजर आ जाते हैं। यहां 800 से ज्यादा पौधे, 320 पक्षी, 50 जलीय जानवर, 26 सरीसृप और 43 स्तनपायी प्रजातियां पाई जाती हैं।
कान्हा नेशनल पार्क में बंगाल टाइगर और बारासिंघा तो आपको अट्रैक्ट करते ही हैं, इनके साथ ही सुस्त भालू और तेंदुए और जंगली कुत्तों जैसे शिकारी जानवरों की भी संख्या यहां कम नहीं है। पार्क के चारों ओर बिखरे हुए जल निकाय वन्यजीव मुठभेड़ों के हॉटस्पॉट हैं।
चीतल, सांभर, काला हिरण, भौंकने वाला हिरण, चौसिंघा, गौर, लंगूर, जंगली सुअर, सियार जैसे जानवर नियमित रूप से अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी के तालाबों का रुख करते हैं। कान्हा नेशनल पार्क के घने जंगलों में जंगल सफारी के दौरान इन जानवरों से मुलाकात बेहद आम है। तभी तो टाइगर सफारी के लिए सबसे बेस्ट है एमपी का कान्हा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व
राज्य वन सेवा के अधिकारी सेवाराम मलिक (रिटायर्ड) बताते हैं कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क में वाइल्ड लाइफ लवर्स दुर्लभ और बेहतरीन शिकारी बंगाल टाइगर्स का दीदार करने आते हैं। बंगाल टाइगर के लिए मशहूर बांधवगढ़ नेशनल पार्क तथा टाइगर रिजर्व में विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों की भरमार है।
यहां जंगली सूअर, चौसिंगा, भौंकने वाला हिरण, चित्तीदार हिरण, नीलगाय, भारतीय सिवेट, ताड़ गिलहरी जैसे कई स्तनधारी वन्यजीव शामिल हैं। बांधवगढ़ में तेंदुओं की भी अच्छी आबादी है। वहीं ये अपने 5 स्पेशल बाघों के लिए जाना जाता है। यहां दो फीमेल टाइगर स्पॉटी, डोट्टी के साथ ही तीन मेल टाइगर काजरी, सोलो और छोटा भीम वाइल्ड लाइफ लवर्स के खास अट्रेक्शन होते हैं।
बांधवगढ़ में पक्षियों की 250 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें भारतीय पिट्टा, पैराडाइज फ्लाईकैचर, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, लॉन्ग-बिल्ड, मिस्री और हिमालयी ग्रिफ़ॉन वल्चर, मालाबार पाइड हॉर्नबिल, किंगफिशर और इंडियन रोलर्स जैसे पक्षी शामिल हैं। इसके अलावा बांधवगढ़ नेशनल पार्क के जल निकायों के आसपास के क्षेत्र कोबरा, वाइपर, अजगर, कछुए और छिपकलियों की कई सरीसृप प्रजातियों के घर हैं।
जंगल और इंसानों के बीच सामंजस्य का एक खूबसूरत सा अहसास देने वाले बांधवगढ़ के घने गहरे जंगलों में हरी-भरी झाड़ियों में छिपकर बैठे या खड़े, दौड़ते नजर आने वाले वन्य जीव आपकी सैर का रोमांच दोगुना कर देते हैं। यहां आकर वाइल्ड लाइफ लवर्स ही नहीं बल्कि टूरिस्ट के चेहरे भी खिल जाते हैं।
पेंच नेशनल पार्क
पेंच राष्ट्रीय उद्यान लगभग 750 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें 300 वर्ग किलोमीटर का मुख्य क्षेत्र और 400 वर्ग किलोमीटर का बफर क्षेत्र शामिल है। पेंच के घने जंगल में जंगल सफारी खुले घास के मैदानों में होती है। हिरण जैसे कई जानवरों के समूह, ऊंची-ऊंची झाड़ियां पेंच नेशनल पार्क को बेहद आकर्षक बना देती हैं। बंगाल टाइगर्स के अलावा, पेंच नेशनल पार्क में भारतीय तेंदुए, गौर, चीतल, सांभर हिरण, जंगली बिल्लियां, सुस्त भालू, चार सींग वाले हिरण और कई अन्य विदेशी प्रजातियों के जानवरों का खूबसूरत घर है।
यहां पक्षियों की लगभग 300 प्रजातियां हैं, इनमें निवासी और प्रवासी पक्षी जैसे कि व्हाइट-आइड बजर्ड, मालाबार पाइड हॉर्नबिल, इंडियन पिट्टा, ऑस्प्रे, ग्रे-हेडेड फिशिंग ईगल, सारस क्रेन, मोर, रेड वेंटेड बुलबुल, क्रो तीतर, क्रिमसन-ब्रेस्टेड बारबेट, रेड जंगल फाउल आदि शामिल हैं।