Bhopal: मध्य प्रदेश सरकार 2028 सिंहस्थ के लिए शिप्रा नदी को स्वच्छ रखने हेतु अनूठी ‘नदी मोड़ो प्रोजेक्ट’ शुरू कर रही है। इसमें इंदौर से आ रही दूषित कान्ह नदी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए 919 करोड़ की ‘क्लोज डक्ट योजना’ लागू की जा रही है। योजना के तहत कान्ह को 30 किमी क्षेत्र में डायवर्ट कर जमीन से 100 फीट नीचे 12 किमी लंबी टनल बनाई जाएगी। शेष 18 किमी में कट एंड कवर तकनीक से सीमेंट-कंक्रीट नहर तैयार होगी, जो कुछ स्थानों पर 26 मीटर गहरी होगी।
टनल 4.50 मीटर डी-आकार की होगी, जिसमें सफाई मशीनें आसानी से उतर सकेंगी। दूषित जल उज्जैन की गंभीर नदी डैम की तलहटी में छोड़ा जाएगा, जिससे शिप्रा स्थाई रूप से स्वच्छ रहेगी। परियोजना इंदौर के जमालपुर गांव से शुरू होकर 12 से अधिक गांवों से गुजरेगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री मयंक सिंह ने बताया कि तेलंगाना की मेसर्स वेंसर कंस्ट्रक्शन और रिवरवोल्ट हाइड्रो एलएलपी संयुक्त रूप से कार्य कर रही हैं। 400 मजदूरों की दो शिफ्टों वाली टीम लगी है। अब तक 6 माह में 15% कार्य पूरा हो चुका है। 42 माह में पूर्ण होने वाली यह योजना प्रयागराज महाकुंभ के बाद उज्जैन सिंहस्थ में दो नदियों के अनूठे संगम को साकार करेगी, जहां कान्ह का गंदा पानी शिप्रा से अलग रहेगा।