जूनागढ़ के मांगरोल ब्लॉक में 8,000 किसानों ने टिकाऊ खेती अपनाकर पर्यावरण और अपनी आय दोनों को बेहतर बनाया है। यह पहल 2021 में एचडीएफसी बैंक की परिवर्तन क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर पहल के तहत शुरू हुई थी और अब यह 55 गांवों में लागू हो चुकी है।
इस योजना के तहत, किसानों को जैविक खेती की तकनीकें सिखाई गईं, जैसे कम्पोस्ट बनाना, प्राकृतिक कीटनाशक तैयार करना और जैविक खाद का उपयोग। अब तक 1,250 किसानों को जैविक प्रमाणपत्र मिल चुका है और 2,250 एकड़ जमीन को रसायन मुक्त खेती के लिए तैयार किया गया है।
किसानों को हुए फायदे
- 119 मूंगफली किसानों ने अपनी फसल से अतिरिक्त 4.5 लाख रुपये कमाए।
- तेल उत्पादन इकाई ने 165 किसानों को 3,100 तेल के डिब्बे बेचने में मदद की, जिससे 31 लाख रुपये का लाभ हुआ।
- हल्दी, शहद, और बाजरा जैसे उत्पादों को प्रीमियम बाजार से जोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिलें।
खेतों की उन्नति के लिए प्रयास
इस पहल में मॉडल फार्म बनाए गए हैं, जहां किसानों को वर्मी कम्पोस्ट और प्राकृतिक कीटनाशक बनाने की सुविधाएं दी जा रही हैं। किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ रही है।
खेड़ा जिले में भी पहल का असर
खेड़ा जिले में इस पहल के तहत माही नदी के किनारे मिट्टी कटाव रोकने पर काम किया जा रहा है।
- 375 किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बाजरे के बीज दिए गए।
- इससे 300 एकड़ खराब भूमि फिर से उपजाऊ बन गई और फसल की पैदावार बढ़ी।
यह परियोजना किसानों को जैविक खेती के फायदों से जोड़ने और गांवों में टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने का बेहतरीन उदाहरण है।