World Thalassemia Day 2025: थैलेसीमिया, एक आनुवंशिक रक्त विकार, आज भी दुनिया भर में बच्चों और उनके परिवारों के लिए शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों का कारण बना हुआ है। यह बीमारी शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को कम करती है, जिससे रक्त की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता प्रभावित होती है। इसके परिणामस्वरूप एनीमिया, थकान और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वैश्विक आबादी का लगभग 5% रोगात्मक हीमोग्लोबिन जीन का वाहक है, और हर साल लगभग 3,00,000 नवजात इन विकारों के साथ पैदा होते हैं। भारत में हर साल 10,000 से 12,000 बच्चे इस बीमारी का शिकार होते हैं।
थैलेसीमिया क्या है?
थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें हीमोग्लोबिन का उत्पादन सामान्य से कम होता है। इससे प्रभावित लोगों को नियमित रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) और आजीवन देखभाल की आवश्यकता होती है। गंभीर मामलों में, स्टेम सेल प्रत्यारोपण के माध्यम से खराब रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं से बदला जा सकता है। हालांकि, यह उपचार जटिल और महंगा है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस 2025 की थीम
हर साल 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना और प्रभावित लोगों के लिए बेहतर देखभाल को बढ़ावा देना है।
इस साल की थीम, “थैलेसीमिया के लिए एक साथ: समुदायों को एकजुट करना, रोगियों को प्राथमिकता देना”, समुदाय के नेतृत्व वाले प्रयासों को प्रोत्साहित करती है। यह थीम थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों के लिए उपचार, देखभाल और सहायता में सुधार पर जोर देती है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस का इतिहास
विश्व थैलेसीमिया दिवस की शुरुआत 1994 में थैलेसीमिया अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन (TIF) के संस्थापक पैनोस एंगलजोस द्वारा की गई थी। इसका मकसद इस गंभीर विकार के बारे में जागरूकता बढ़ाना और प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करना था।
हीमोग्लोबिन स्तर को कैसे बनाए रखें?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मछली, मुर्गी, फलियां, फोर्टिफाइड अनाज और गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए। विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ आयरन के अवशोषण को बढ़ाते हैं, जबकि चाय, कॉफी, कोको और कैल्शियम जैसे आयरन अवरोधकों से बचना चाहिए।
फोलेट, विटामिन बी12 और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार भी जरूरी है। कम हीमोग्लोबिन स्तर वाले लोग चिकित्सक की सलाह पर सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।
जागरूकता और सहायता की जरूरत
थैलेसीमिया और अन्य हीमोग्लोबिनोपैथी जैसे सिकल-सेल एनीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। शुरुआती पहचान, नियमित देखभाल और सामुदायिक सहयोग से प्रभावित परिवारों का जीवन बेहतर हो सकता है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस 2025 का लक्ष्य समुदायों को एकजुट कर रोगियों को प्राथमिकता देना और उनके लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना है।