नई दिल्ली, 10 मई 2025: विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 2025, जो हर साल मई और अक्टूबर के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है, इस बार “साझा स्थान: पक्षियों के अनुकूल शहर और समुदाय बनाना” थीम के साथ वैश्विक स्तर पर आयोजित किया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय सहभागियों द्वारा समर्थित यह अभियान प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक कार्रवाई को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। इस साल 10 मई और 11 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य शहरी वातावरण को पक्षियों और लोगों दोनों के लिए टिकाऊ और आरामदायक बनाना है।
पक्षी संरक्षण के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत
वैश्विक स्तर पर पक्षी प्रजातियों की स्थिति चिंताजनक है। आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में 49% पक्षी प्रजातियों की आबादी घट रही है, और लगभग आठ में से एक प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। विशेष रूप से प्रवासी पक्षियों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
2024 में ग्लोबल इकोलॉजी एंड बायोजियोग्राफी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पांच में से चार पक्षी प्रजातियां मानव-प्रधान शहरी वातावरण में पूरी तरह से पनपने में असमर्थ हैं।
शहरीकरण से पक्षियों के सामने चुनौतियां
शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पक्षियों को कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें शामिल हैं:
खिड़कियों से टकराव: कांच की इमारतें प्रवासी पक्षियों के लिए घातक साबित होती हैं, क्योंकि वे इनके परावर्तन को समझ नहीं पाते।
प्रकाश प्रदूषण: कृत्रिम रोशनी रात में प्रवास करने वाले पक्षियों को भ्रमित करती है, जिससे वे इमारतों से टकराते हैं या अपनी दिशा खो देते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि प्रवास के दौरान प्रकाश प्रदूषण पक्षियों के लिए विशेष रूप से हानिकारक है।
ध्वनि प्रदूषण: यातायात और शहरी शोर पक्षियों के गीतों को बाधित करते हैं, जो प्रजनन, क्षेत्र स्थापित करने और खतरे की चेतावनी के लिए महत्वपूर्ण हैं। जर्मनी के म्यूनिख में हुए एक शोध के अनुसार, शोर वाले स्थानों पर पैदा हुए जेबरा फिंच के बच्चे शांत स्थानों की तुलना में छोटे और कम स्वस्थ थे।
आजादी से घूमने वाली बिल्लियां: ये पक्षियों के लिए एक बड़ा खतरा हैं। कनाडा में बिल्लियां हर साल 10 से 35 करोड़ पक्षियों की मौत का कारण बनती हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया में प्रतिदिन 10 लाख से अधिक पक्षी बिल्लियों का शिकार बनते हैं। ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में बिल्लियों को फेयरी मार्टिन पक्षी प्रजाति के विलुप्त होने के लिए जिम्मेदार पाया गया है।
आवास का नुकसान और विखंडन: शहरीकरण, कीटनाशकों का उपयोग, और आक्रामक प्रजातियों के कारण पक्षियों के प्राकृतिक आवास नष्ट होसभा है।
पक्षी-अनुकूल शहरों के लिए सामुदायिक प्रयास
2025 की थीम “साझा स्थान” शहरी नियोजन में पक्षी-अनुकूल प्रथाओं को अपनाने और समुदायों को संरक्षण प्रयासों में शामिल करने पर जोर देती है। इसके लिए कुछ सुझाव शामिल हैं:
प्रकाश प्रदूषण कम करना: प्रवास के दौरान इमारतों की रोशनी को कम करना और पक्षी-अनुकूल प्रकाश व्यवस्था का उपयोग करना।
कांच पर सुरक्षात्मक उपाय: खिड़कियों पर स्टिकर या विशेष कोटिंग का उपयोग करके टकराव को रोकना।
हरित स्थानों का विस्तार: शहरी क्षेत्रों में पार्क, पेड़-पौधे, और पक्षी-अनुकूल बगीचे बनाना।
बिल्लियों पर नियंत्रण: पालतू बिल्लियों को घर के अंदर रखने और जंगली बिल्लियों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाना।
शिक्षा और जागरूकता: स्कूलों, कॉलेजों, और समुदायों में पक्षी संरक्षण पर कार्यशालाएं और पक्षी-दर्शन कार्यक्रम आयोजित करना।
“यह विश्व प्रवासी पक्षी दिवस, आइए हम साझा स्थानों का निर्माण करें, जहां पक्षी और लोग एक साथ फलें-फूलें।”