विश्व अस्थमा दिवस 2025: मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस पुरानी बीमारी से जूझ रहे लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) ने इस साल की थीम ‘सभी के लिए इनहेल्ड उपचार सुलभ बनाएं’ चुनी है। 1998 में शुरू हुआ यह दिवस अब 35 देशों में मनाया जाता है।
अस्थमा क्या है?
अस्थमा एक पुरानी श्वसन बीमारी है, जो सांस के मार्गों में सूजन और संकीर्णता पैदा करती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यह बीमारी विश्व भर में 26.2 करोड़ लोगों को प्रभावित करती है और हर साल 4,55,000 से अधिक मौतों का कारण बनती है। इनमें से कई मौतें उचित उपचार और जागरूकता से रोकी जा सकती हैं।
अस्थमा के लक्षण
अस्थमा के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
- सांस लेने में तकलीफ
- सीने में जकड़न या दर्द
- सांस लेते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज
- लगातार खांसी, खासकर रात या सुबह के समय
ये लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं और अस्थमा के दौरे के दौरान और खराब हो सकते हैं।
अस्थमा के कारण
अस्थमा को ट्रिगर करने वाले कारकों में शामिल हैं:
- प्रदूषित हवा, धूल, पराग, पालतू जानवरों के बाल और फफूंद
- शारीरिक व्यायाम, श्वसन संक्रमण, तनाव, मौसम में बदलाव
- धुआं, तेज गंध और कुछ दवाएं
अस्थमा का उपचार
हालांकि अस्थमा को पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। WHO के अनुसार, इनहेल्ड दवाएं अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने में सबसे कारगर हैं। ये मरीजों को सामान्य और सक्रिय जीवन जीने में मदद करती हैं।
उपचार में मुख्य रूप से दो प्रकार के इनहेलर उपयोग किए जाते हैं:
- ब्रोन्कोडायलेटर (जैसे साल्बुटामोल): ये वायुमार्ग को खोलकर तुरंत राहत प्रदान करते हैं।
- स्टेरॉयड (जैसे बेक्लोमेटासोन): ये वायुमार्ग की सूजन को कम करते हैं, जिससे लक्षणों में सुधार होता है और गंभीर अस्थमा के दौरे का खतरा कम होता है।
कुछ मरीजों को रोजाना इनहेलर का उपयोग करना पड़ता है, जो लक्षणों की गंभीरता और उपलब्ध इनहेलर के प्रकार पर निर्भर करता है। बच्चों और आपातकालीन स्थितियों में इनहेलर का उपयोग चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
वैश्विक चुनौतियां
अस्थमा से होने वाली अधिकांश मौतें गरीब देशों में होती हैं, जहां जांच और उपचार की सुविधाएं सीमित हैं। GINA की इस साल की थीम ‘सभी के लिए इनहेल्ड उपचार सुलभ बनाएं’ का उद्देश्य इनहेलर की पहुंच को बढ़ाना और उपचार को किफायती बनाना है।
जागरूकता की जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषित हवा और पर्यावरणीय कारक अस्थमा के मामलों को बढ़ा रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि लोग ट्रिगर करने वाले कारकों से बचें और समय पर उपचार लें। विश्व अस्थमा दिवस के मौके पर, लोगों से अपील की जा रही है कि वे अस्थमा के लक्षणों को पहचानें, नियमित जांच कराएं और इनहेलर का सही उपयोग करें।