गुरुवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता (AQI) ‘गंभीर’ स्तर पर दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। बुधवार शाम 4 बजे दिल्ली का AQI 352 था, जो गुरुवार सुबह 7 बजे बढ़कर 366 हो गया।
दिल्ली में क्षेत्रवार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)
- आनंद विहार: 426 (गंभीर)
- अशोक विहार: 417 (गंभीर)
- अलीपुर: 386 (बहुत खराब)
- बवाना: 411 (गंभीर)
- बुराड़ी क्रॉसिंग: 377 (बहुत खराब)
- चांदनी चौक: 301 (बहुत खराब)
- द्वारका सेक्टर-8: 380 (बहुत खराब)
- आईजीआई एयरपोर्ट (T3): 358 (बहुत खराब)
- आईटीओ: 358 (बहुत खराब)
- जहांगीरपुरी: 428 (गंभीर)
- लोधी रोड: 171 (मध्यम)
- मुंडका: 417 (गंभीर)
- एनएसआईटी द्वारका: 383 (बहुत खराब)
- नजफगढ़: 363 (बहुत खराब)
- नरेला: 383 (बहुत खराब)
- नेहरू नगर: 386 (बहुत खराब)
- नई मोती बाग: 390 (बहुत खराब)
- नॉर्थ कैंपस, दिल्ली यूनिवर्सिटी: 372 (बहुत खराब)
- पटपड़गंज: 391 (बहुत खराब)
- पंजाबी बाग: 388 (बहुत खराब)
- आरके पुरम: 378 (बहुत खराब)
- रोहिणी: 405 (गंभीर)
- शादिपुर: 390 (बहुत खराब)
- सोनिया विहार: 399 (बहुत खराब)
- विवेक विहार: 408 (गंभीर)
- वज़ीरपुर: 427 (गंभीर)
नोएडा में AQI
- सेक्टर-125: 246 (खराब)
- सेक्टर-62: 309 (बहुत खराब)
- सेक्टर-1: 218 (खराब)
- सेक्टर-116: 320 (बहुत खराब)
गुरुग्राम में AQI
- एनआईएसई ग्वाल पहाड़ी: 329 (बहुत खराब)
- सेक्टर-51: 384 (बहुत खराब)
- टेरी ग्राम: 246 (खराब)
- विकास सदन: 285 (खराब)
यमुना नदी में प्रदूषण और छठ पूजा पर प्रभाव
दिल्ली के कालिंदी कुंज में यमुना नदी में जहरीला झाग तैरता देखा गया। पानी में प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय ने छठ पूजा के आयोजन की अनुमति नहीं दी। अदालत ने कहा कि इस प्रदूषित पानी में पूजा करने से लोग बीमार पड़ सकते हैं।
वायु प्रदूषण का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
वायु गुणवत्ता का खराब स्तर सीधे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। लगातार खराब हवा से फेफड़ों के रोग, श्वसन तंत्र की समस्याएं, हृदय रोग और बच्चों एवं बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गंभीर वायु प्रदूषण से बच्चों में सांस लेने में दिक्कत, बड़ों में हृदय से जुड़ी बीमारियां, और पूरे शरीर में ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
उपाय और सावधानियां:
- बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगियों को प्रदूषण के स्तर कम होने तक बाहर जाने से बचना चाहिए।
- घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- बाहर निकलते समय N95 मास्क का प्रयोग करें।
- हरे पौधों जैसे तुलसी, स्नेक प्लांट और एलोवेरा को घर में लगाएं, जिससे हवा को शुद्ध किया जा सके।
इन उपायों से प्रदूषण के दुष्प्रभाव को कुछ हद तक कम किया जा सकता है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।