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सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: तीन महीने में 2.31 लाख वेटलैंड्स की जमीनी जांच और सीमा निर्धारण जरूरी

by kishanchaubey
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Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अगले तीन महीनों में 2.31 लाख से अधिक वेटलैंड्स (आर्द्रभूमियों) की जमीनी जांच (ग्राउंड ट्रुथिंग) और उनकी सीमा निर्धारण (डिमार्केशन) का आदेश दिया है। यह आदेश उस वक्त आया जब कोर्ट ने पाया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा पहचानी गई वेटलैंड्स का अब तक जमीनी सत्यापन नहीं हुआ है।

आदेश के पीछे की पृष्ठभूमि

यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला की पीठ ने 11 दिसंबर 2024 को “आनंद आर्या बनाम भारत सरकार” मामले की सुनवाई के दौरान दिया।

इसरो के अनुसार, 2017 में भारत में 2.25 हेक्टेयर या उससे बड़ी वेटलैंड्स की संख्या 2,01,503 थी। यह संख्या 2021 में बढ़कर 2,31,195 हो गई। हालांकि, इन आंकड़ों का जमीनी सत्यापन (ग्राउंड ट्रुथिंग) और सीमांकन अब तक नहीं हुआ है।

क्या है ग्राउंड ट्रुथिंग?

ग्राउंड ट्रुथिंग का मतलब है किसी स्थान का वास्तविक निरीक्षण और उसकी स्थिति की पुष्टि करना। 2017 के “आर्द्रभूमि संरक्षण और प्रबंधन नियम” के तहत, वेटलैंड्स की पहचान के बाद जमीनी सत्यापन और सीमा निर्धारण अनिवार्य प्रक्रिया है।

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कोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमीनी सत्यापन और सीमा निर्धारण राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का वैधानिक दायित्व है।

  • कोर्ट ने पाया कि अधिकांश राज्यों ने इस काम में लापरवाही बरती है।
  • पंजाब को छोड़कर लगभग सभी राज्यों ने वेटलैंड्स के सीमांकन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
  • कोर्ट ने कहा, “यह एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे प्राथमिकता से पूरा किया जाना चाहिए।”

केंद्र सरकार की जिम्मेदारी

केंद्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आस्था भारती ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि केंद्र सभी राज्यों की निगरानी करेगा और अगले सुनवाई से पहले स्थिति पर हलफनामा दायर करेगा।

छोटे वेटलैंड्स की स्थिति

अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ ने कोर्ट को बताया कि इसरो ने 2.31 लाख वेटलैंड्स की पहचान की है, जो 2.25 हेक्टेयर या उससे बड़े हैं। इसके अलावा, देश में 5.55 लाख छोटे वेटलैंड्स हैं, जिनका भी निरीक्षण और सीमांकन जरूरी है।

  • इन छोटे वेटलैंड्स पर अतिक्रमण और पर्यावरणीय क्षति का खतरा बढ़ता जा रहा है।

रामसर स्थलों का रखरखाव अनिवार्य

सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह देश के सभी 85 रामसर स्थलों (अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियां) की सूची संबंधित उच्च न्यायालयों को भेजे। उच्च न्यायालय इन स्थलों को लेकर सुनिश्चित करेंगे कि उनके क्षेत्राधिकार में स्थित वेटलैंड्स का संरक्षण और उचित रखरखाव हो।

रामसर स्थल क्या हैं?

रामसर स्थल वे वेटलैंड्स हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत में कुल 85 रामसर स्थल हैं, जो पर्यावरणीय संरक्षण और जैव विविधता के लिए बेहद अहम हैं।

आर्द्रभूमियों की आवश्यकता और महत्व

वेटलैंड्स पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने, भूजल रिचार्ज करने, बाढ़ नियंत्रण, और जैव विविधता संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हैं। इनके सीमांकन और संरक्षण से पर्यावरणीय खतरों को रोका जा सकता है।

अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 25 मार्च 2025 को अगली सुनवाई करेगा। तब तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वेटलैंड्स की जमीनी जांच और सीमा निर्धारण की रिपोर्ट जमा करनी होगी।

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