Weather: मौसम विभाग ने आज सुबह अपने ताजा बुलेटिन में देश के कई हिस्सों में मौसम के बदलाव की भविष्यवाणी की है। उत्तर-पश्चिम भारत में गर्मी बढ़ने के आसार हैं, तो मध्य और दक्षिण भारत में आंधी-तूफान, बारिश और ओलावृष्टि का खतरा मंडरा रहा है।
3 अप्रैल से पश्चिमी हिमालय में नया पश्चिमी विक्षोभ मौसम को प्रभावित करेगा। विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने और फसलों को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने की सलाह दी है। आइए, मौसम के इस ताजा अपडेट को विस्तार से समझते हैं।
देश के अन्य हिस्सों में मौसमी हलचल
मौसम विभाग ने कई इलाकों में मौसमी गतिविधियों का जिक्र किया है:
- मराठवाड़ा और आसपास: निचले स्तर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
- कर्नाटक से तमिलनाडु तक: हवाओं का एक ट्रफ (Trough) बन गया है, जो मौसम को प्रभावित करेगा।
- नमी का प्रभाव: अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से भारी नमी आ रही है। हवाएं आपस में मिल रही हैं, जिससे मौसम में बदलाव होगा।
इन गतिविधियों के कारण कई राज्यों में मौसम खराब होने की संभावना है। इनमें शामिल हैं:
- मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, केरल, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र: यहां तेज आंधी-तूफान, बिजली गिरने और बारिश की बौछारें पड़ सकती हैं।
- 1 से 4 अप्रैल तक: छत्तीसगढ़, ओडिशा, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक, गुजरात (1-2 अप्रैल), पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय इलाके, झारखंड और रायलसीमा (2-4 अप्रैल) में तेज हवाएं, बारिश और बिजली कड़कने की आशंका है।
ओलावृष्टि की चेतावनी
मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में ओले पड़ने की भी आशंका जताई है:
- 1 से 4 अप्रैल: मध्य प्रदेश और विदर्भ।
- 1-2 अप्रैल: मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा।
- 2-3 अप्रैल: छत्तीसगढ़, तेलंगाना।
- 2-4 अप्रैल: ओडिशा।
- 3-4 अप्रैल: झारखंड।
- 1-3 अप्रैल: उत्तरी आंतरिक कर्नाटक।
- 3 अप्रैल: दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक।
मौसम का असर और नुकसान
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आंधी, तूफान, बारिश और ओलावृष्टि से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं:
- फसलों को खतरा: बागानों, फलों, सब्जियों और खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।
- लोगों और जानवरों को चोट: ओले गिरने से खुले में रहने वाले लोगों या मवेशियों को चोट लग सकती है।
- संपत्ति को नुकसान: तेज हवाओं से कच्चे मकान, झोपड़ियां या कमजोर ढांचे टूट सकते हैं। ढीली चीजें (जैसे टीन की छत) उड़ सकती हैं।
मौसम विभाग के सुझाव
मौसम खराब होने की वजह से लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है:
- घर के अंदर रहें, खिड़कियां-दरवाजे बंद रखें और यात्रा से बचें।
- पेड़ों के नीचे न रुकें, कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और दीवारों से न सटें।
- बिजली के उपकरण बंद करें, पानी से दूर रहें और धातु की चीजों को न छुएं।
- फसलों को बचाने के लिए तुरंत कटाई करें, उपज को सुरक्षित जगह ले जाएं या तिरपाल से ढक दें।
- बगीचों में ओलावृष्टि से बचाने के लिए जाल या ओला कैप का इस्तेमाल करें।
तापमान में बदलाव
- 1-2 अप्रैल: पूर्वी भारत (जैसे बिहार, झारखंड, ओडिशा) में तापमान 2-3 डिग्री बढ़ेगा। उत्तर-पश्चिम भारत में 2-4 डिग्री की बढ़ोतरी होगी।
- मध्य और दक्षिण भारत: 2 अप्रैल तक तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं, लेकिन उसके बाद 2-4 डिग्री की गिरावट हो सकती है।
- कल का तापमान: ओडिशा के झारसुगुड़ा में 42 डिग्री (सबसे गर्म), पूर्वी राजस्थान के सीकर में 10 डिग्री (सबसे ठंडा) दर्ज किया गया।
गर्मी और हीटवेव
- 1 अप्रैल: सौराष्ट्र और कच्छ (गुजरात) में लू (हीटवेव) चल सकती है।
- गर्म और उमस भरा मौसम: असम (1 अप्रैल), त्रिपुरा (1-3 अप्रैल), गुजरात (1-4 अप्रैल) में गर्मी और उमस परेशान करेगी।
कल की बारिश
- 31 मार्च: उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में बारिश और बौछारें पड़ीं। बेलगाम में 2 सेमी बारिश दर्ज की गई।