हाल ही में एक अध्ययन में पता चला है कि गर्म होती जलवायु के कारण ऊंचे पर्वतीय एशिया में बर्फ पर बारिश (जिसे रेन-ऑन-स्नो या आरओएस कहते हैं) की घटनाओं से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यह अध्ययन चीनी विज्ञान अकादमी के झिंजियांग पारिस्थितिकी और भूगोल संस्थान के शोधकर्ताओं ने किया है। उन्होंने बर्फ पर बारिश की घटनाओं के कारणों और उनके प्रभावों, खासकर बाढ़ और हिमस्खलन जैसे खतरों, का गहराई से विश्लेषण किया है।
बर्फ पर बारिश (आरओएस) क्या है?
बर्फ पर बारिश तब होती है जब पहले से जमी बर्फ पर बारिश होती है। यह बारिश बर्फ को पिघलाती है या उस पर जमकर बर्फ की एक सख्त परत बना देती है। इससे कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं, जैसे:
- वन्यजीवों के लिए खतरा: बर्फ की सख्त परत के कारण जानवरों को भोजन ढूंढने में मुश्किल होती है।
- बुनियादी ढांचे को नुकसान: सड़कें, पुल और इमारतें प्रभावित हो सकती हैं।
- लोगों के लिए जोखिम: बाढ़ और हिमस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसी घटनाएं खास तौर पर ऊंचे पहाड़ी इलाकों में होती हैं, जहां बारिश और बर्फ का मिश्रण आम है। यह मिश्रण बाढ़, भूस्खलन और हिमस्खलन जैसे खतरों को और बढ़ा देता है।
भारतीय मॉनसून का प्रभाव
भारतीय मॉनसून, जो दक्षिण और पूर्वी ऊंचे पर्वतीय एशिया में गर्मियों में सक्रिय होता है, बहुत सारा जल वाष्प लाता है। यह मॉनसूनी बारिश ऊंचे पहाड़ों में बर्फ के साथ मिलकर गर्मियों में बर्फ पर बारिश की घटनाओं को बढ़ा देती है। खासकर हिमालय और तिब्बत जैसे इलाकों में यह स्थिति ज्यादा देखी जाती है।
वायुमंडलीय पैटर्न से संबंध
शोधकर्ताओं ने पाया कि बर्फ पर बारिश की घटनाएं बड़े पैमाने के मौसमी पैटर्न से भी जुड़ी हैं। उदाहरण के लिए:
- उत्तरी झिंजियांग में आर्कटिक और उत्तरी अटलांटिक दोलन (जो मौसम को प्रभावित करने वाले सूचकांक हैं) के साथ नकारात्मक संबंध देखा गया है।
- अटलांटिक मल्टीडेकेडल दोलन (एक लंबे समय तक चलने वाला मौसमी पैटर्न) भी इस क्षेत्र में बर्फबारी और बारिश को प्रभावित करता है।
इन पैटर्न को समझने से यह अनुमान लगाने में मदद मिलती है कि कब और कहां ऐसी घटनाएं ज्यादा हो सकती हैं।
कितनी बार होती हैं ये घटनाएं?
अध्ययन के अनुसार, ऊंचे पर्वतीय एशिया में हर साल औसतन 22.4 दिन बर्फ पर बारding की घटनाएं होती हैं। कुछ इलाकों में यह संख्या और भी ज्यादा है:
- गंगा बेसिन: यहां सबसे ज्यादा 45.8 दिन ऐसी घटनाएं होती हैं।
- यांग्त्जी और अमु दरिया नदी के किनारे सर्दियों में दो-तिहाई घटनाएं होती हैं।
- वसंत ऋतु: लगभग 25% घटनाएं, खासकर बाल्खश झील के आसपास।
- गर्मियां: 13.5% घटनाएं, जो ज्यादातर ऊंचे इलाकों में होती हैं।
- शरद ऋतु: इस मौसम में ऐसी घटनाएं बहुत कम होती हैं।
बारिश की तीव्रता और प्रभाव
औसतन, बर्फ पर बारिश की तीव्रता 5.29 मिलीमीटर प्रति दिन होती है। इसमें:
- 65.9% हिस्सा बारिश का होता है।
- 34.1% हिस्सा पिघलती बर्फ का होता है।
हालांकि, समय के साथ कुछ बदलाव देखे गए हैं:
- हर साल ऐसी घटनाओं की संख्या 0.031 दिन कम हो रही है।
- ये घटनाएं अब पहले होने लगी हैं, यानी मौसम बदल रहा है।
- इनकी तीव्रता भी धीरे-धीरे कम हो रही है।
लेकिन ऊंचाई के आधार पर स्थिति अलग है:
ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्र: यहां बारिश के दिन बढ़ने से ऐसी घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।
कम ऊंचाई वाले क्षेत्र: यहां बर्फबारी कम होने से बर्फ पर बारिश की घटनाएं भी कम हो रही हैं।