एक स्वच्छ नदी के लिए पानी की गुणवत्ता की निगरानी परियोजना में मदद करने के लिए स्वयंसेवकों की जरूरत है। यह परियोजना विल्टशायर के खूबसूरत प्राकृतिक इलाके, रिवर नैडर में हो रही है, जो क्रैनबोर्न चेस नेशनल लैंडस्केप का हिस्सा है और इसे वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य नदी को साफ और स्वस्थ बनाना है।
यह परियोजना नैडर वैली फार्मर्स ग्रुप द्वारा चलाई जा रही है और इसमें वेस्सेक्स रिवर्स ट्रस्ट, रॉथमस्टेड रिसर्च और वाइली वैली फार्मर्स ग्रुप का सहयोग भी शामिल है। इस परियोजना के अंतर्गत सप्ताह में एक बार रिवर नैडर, रिवर सेम और उनसे जुड़े क्षेत्रों जैसे सेम्ली, डॉनहेड्स और फोवांट के विभिन्न बिंदुओं से नमूने एकत्रित किए जाते हैं।
कैसे किया जाता है पानी का परीक्षण?
नमूने एकत्र कर लैब में भेजे जाते हैं जहां उनका विश्लेषण किया जाता है। इससे यह समझने में मदद मिलती है कि नदी के आस-पास के खेतों से किसी प्रकार का प्रदूषण नदी तक पहुंच रहा है या नहीं। इसमें ‘सेडिमेंट फिंगरप्रिंटिंग’ नामक तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिसमें नदी में छोटे जाल लगाकर उसमें जमे गाद का परीक्षण किया जाता है। इससे प्रदूषण के स्रोत का सटीक पता लगाया जा सकता है ताकि किसान समस्या को समझकर समाधान कर सकें।
परियोजना का उद्देश्य
परियोजना का उद्देश्य नदी के जल को साफ करना और जल में पाई जाने वाली मछलियों और अन्य जलीय जीवों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है। नैडर नदी खासकर सैल्मन मछली के प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण है।
विल्टशायर के स्थानीय काउंसलर, रिचर्ड बुडेन ने इस परियोजना को समर्थन दिया है और कहा है कि नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी की गुणवत्ता जंगली जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
स्वयंसेवकों का योगदान
यह स्वयंसेवी कार्यक्रम लगभग पांच महीनों तक चलेगा। इसमें डॉनहेड्स, सेम्ली और स्वालोक्लिफ के आसपास 11 स्थानों पर हर दो से चार हफ्तों में पानी का परीक्षण करने के लिए स्वयंसेवकों की जरूरत है। स्वयंसेवकों को परीक्षण किट और आवश्यक मार्गदर्शन दिया जाएगा।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
स्वच्छ पानी जलीय जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। नदी में प्रदूषण कम होने से जल में रहने वाले जीव-जंतु जैसे मछलियों और अन्य जलचरों का जीवन बेहतर हो सकता है। इससे सैल्मन जैसी मछलियों के प्रजनन में सुधार होगा। नदी का स्वच्छ पानी आसपास के क्षेत्रों के पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। प्रदूषण कम होने से इंसानों में जल-जनित रोगों का खतरा भी कम हो सकता है।
स्वच्छ नदी परियोजनाएं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन प्रयासों में शामिल होकर हम अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर सकते हैं।