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केरल में सब्जी उत्पादन बढ़ाने के लिए हाईब्रिड बीजों का उपयोग ज़रूरी: कृषि मंत्री पी. प्रसाद

by kishanchaubey
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केरल के कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने घरेलू सब्जी उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि केरल कृषि विश्वविद्यालय (KAU) द्वारा विकसित हाईब्रिड सब्जी किस्मों के इस्तेमाल से उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। सरकार इन हाईब्रिड बीजों के प्रसार के लिए विशेष योजनाओं पर काम कर रही है, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज आसानी से उपलब्ध हो सकें।

KAU द्वारा विकसित हाईब्रिड बीजों की खासियत

केरल कृषि विश्वविद्यालय (KAU) ने अब तक कुल 89 प्रकार की सब्जी किस्में विकसित की हैं, जिनमें 10 हाईब्रिड हैं। राज्य सरकार अब मिशन मोड में इन हाईब्रिड बीजों का उत्पादन बढ़ाने की योजनाएं लागू कर रही है।

KAU ने अपने उन्नत प्रजनन तकनीक (Innovative Breeding Technology) को प्रमुख बीज कंपनियों और राज्य सरकार के उपक्रमों को सब्सिडी पर हस्तांतरित किया है। इससे न केवल केरल में बल्कि पूरे भारत में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। ये हाईब्रिड बीज “K-Seed” के नाम से पूरे देश में मार्केट किए जाएंगे।

KAU द्वारा विकसित हाईब्रिड बीजों से किसानों को लाभ

केरल विधानसभा में हाल ही में हुई चर्चा के दौरान, कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने KAU द्वारा विकसित हाईब्रिड बीजों की गुणवत्ता और उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

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KAU के वेजिटेबल साइंस विभाग के प्रमुख, टी. प्रदीपकुमार ने कहा कि वेलनिक्कारा में उन्नत तकनीक से विकसित किए गए हाईब्रिड बीजों को किसानों को कम कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसानों को अधिक उत्पादन और बेहतर आय प्राप्त होगी।

स्थानीय किस्मों से तैयार उन्नत हाईब्रिड

केरल में सब्जियों की समृद्ध जैव विविधता पाई जाती है। KAU द्वारा विकसित अधिकांश सब्जी किस्में स्थानीय पारंपरिक किस्मों (landraces) से चयनित की गई हैं। पिछले दशक में, KAU ने करेला, तोरई, खीरा और तरबूज जैसी कुकुर्बिट फसलों के लिए नई हाईब्रिड किस्में विकसित की हैं।

बीजरहित तरबूज (Seedless Watermelon) में बड़ी सफलता

KAU ने ट्रिप्लॉइड तकनीक (Triploid Technology) का उपयोग करके बीजरहित तरबूज (Seedless Watermelon) की दो उन्नत किस्में विकसित की हैं –
स्वर्णा (Swarna)
शोनीमा (Shonima)

KAU भारत का एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र का संस्थान है जो बीजरहित तरबूज के हाईब्रिड बीजों के उत्पादन और वितरण की तकनीक उपलब्ध करा रहा है। हाल ही में ऑरेंज बीजरहित तरबूज विकसित करके इस क्षेत्र में केरल कृषि विश्वविद्यालय ने एक नई उपलब्धि हासिल की है।

बढ़ता हुआ हाईब्रिड बीजों का बाजार

केरल में हर साल करीब 15 टन हाईब्रिड बीजों का विपणन किया जाता है। इसमें सबसे अधिक मांग करेला, कद्दू और भिंडी के हाईब्रिड बीजों की है।

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