NGT : कर्नाटक की प्रमुख नदी अर्कावती में भारी धातुएं और जहरीले रसायन मिलने के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने सख्त कदम उठाते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और अन्य संबंधित विभागों से जवाब तलब किया है।
अर्कावती नदी, जो कावेरी नदी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है, का उद्गम नंदी हिल्स से होता है। यह कर्नाटक में कृषि और बागवानी के लिए एक अहम जल स्रोत है।
मामले की पृष्ठभूमि
NGT ने एक समाचार रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले को उठाया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नदी के पानी में खतरनाक स्तर पर पारा (Mercury), प्रतिबंधित कीटनाशक डीडीटी (DDT), कैंसर पैदा करने वाले पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAH), और फ्लोराइड जैसे जहरीले तत्व पाए गए हैं।
एनजीटी की टिप्पणी
13 दिसंबर को जारी एक आदेश में NGT के चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की बेंच ने कहा:
“रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक हाईकोर्ट ने पहले ही अर्कावती नदी की सुरक्षा के लिए आदेश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद यह नदी घरेलू और औद्योगिक प्रदूषण का शिकार बनी हुई है।”
बेंच ने बताया कि तीन स्थानों से पानी के नमूने लिए गए, जिनमें डीडीटी, पारा और अन्य हानिकारक रसायनों की खतरनाक मात्रा पाई गई।
प्रदूषण नियंत्रण पर कानून लागू
NGT ने कहा कि इस मामले में जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, खतरनाक और अन्य कचरा प्रबंधन नियम, और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम जैसे कानूनों का उल्लंघन हो सकता है।
संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी
NGT ने इस मामले में निम्नलिखित विभागों और अधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए उनसे जवाब मांगा है:
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)
- कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय
- ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के आयुक्त
- बेंगलुरु जिले के जिलाधिकारी
अर्कावती नदी की स्थिति पर चिंता
समाचार रिपोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि अर्कावती नदी का जलस्तर और गुणवत्ता लंबे समय से घरेलू और औद्योगिक कचरे के कारण बुरी तरह प्रभावित हो रही है। यह स्थिति कृषि, पशुपालन और पीने के पानी की उपलब्धता के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है।
क्या हो सकता है आगे?
NGT ने संबंधित विभागों से जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके बाद नदी की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
अर्कावती नदी का प्रदूषण केवल पर्यावरणीय संकट ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका और स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है। इस मामले में उचित कार्रवाई सुनिश्चित करना कर्नाटक सरकार और संबंधित एजेंसियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।