दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, और यह स्थिति नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गई है। AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) के 1200 के करीब पहुंचने और अधिकांश इलाकों में 700 से अधिक दर्ज होने का मतलब है कि हवा सांस लेने के लिए बेहद हानिकारक हो गई है। मुंडका और जहांगीरपुरी जैसे क्षेत्रों में हालात सबसे खराब हैं, जहां AQI क्रमशः 1185 और 1040 तक पहुंच गया है।
ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का चौथा चरण लागू
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP-4 के तहत सख्त उपाय लागू किए गए हैं:
- ट्रकों पर पाबंदी: केवल आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (CNG, LNG, BS-6 डीजल, या इलेक्ट्रिक) वाले ट्रकों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति है।
- स्कूल बंद: 9वीं और 11वीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, 10वीं और 12वीं की कक्षाएं जारी रहेंगी।
- प्रदूषण स्रोतों पर निगरानी: निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, उद्योगों और वाहनों की सख्त जांच, और अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियों पर रोक लगाई गई है।
स्वास्थ्य पर असर
इस गंभीर स्थिति में लोगों को घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
- N95 या बेहतर गुणवत्ता वाले मास्क पहनें।
- एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- बाहर की गतिविधियों को सीमित करें।
क्या कर सकते हैं?
सरकार और नागरिकों को मिलकर प्रदूषण कम करने के दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग, हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना, और वृक्षारोपण।
आपकी सेहत सबसे पहले है। वायु गुणवत्ता में सुधार होने तक सतर्क रहें।