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सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भटकी बाघिन ज़ीनत 21 दिनों के बाद पकड़ी गई, जल्द लौटेगी अपने घर

by kishanchaubey
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Tigress Zeenat :
सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भटक कर पश्चिम बंगाल के जंगलों में पहुंची तीन साल की बाघिन ज़ीनत को 21 दिनों की तलाश के बाद रविवार को सुरक्षित पकड़ा गया। बाघिन को बेहोश करके पिंजरे में बंद किया गया। ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) पी.के. झा ने कहा कि ज़ीनत पूरी तरह स्वस्थ है और उसे जल्द ही सिमilipal लौटाया जाएगा।

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ज़ीनत की वापसी के लिए विशेष तैयारी

वन विभाग की 15 सदस्यीय टीम ने पश्चिम बंगाल वन विभाग के साथ मिलकर इस अभियान को अंजाम दिया। झा ने बताया कि ज़ीनत को सिमilipal के मुख्य क्षेत्र में एक विशेष सॉफ्ट इनक्लोज़र (मुलायम बाड़े) में रखा जाएगा। वहां उसे लंबे समय तक रखा जाएगा ताकि वह इस क्षेत्र में बेहतर ढंग से ढल सके।

बाघिन की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए उसके गले में रेडियो कॉलर लगाया गया है। इससे उसकी हरकतों को ट्रैक किया जाएगा और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

सिमilipal के दक्षिणी क्षेत्र में छोड़े जाने की योजना

वन विभाग ने ज़ीनत को इस बार सिमilipal के दक्षिणी हिस्से में छोड़ने की योजना बनाई है। पहले उसे उत्तरी क्षेत्र में छोड़ा गया था। इससे पहले, एक और बाघिन जमुना, जिसे ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व से लाया गया था, को भी सिमilipal के दक्षिणी हिस्से में सफलतापूर्वक छोड़ा गया था।

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तीन राज्यों का सफर

ज़ीनत ने सिमilipal से भटकने के बाद 21 दिनों में 300 किलोमीटर की दूरी तय की, जिसमें ओडिशा, झारखंड, और पश्चिम बंगाल शामिल थे। उसकी खोज में वन विभाग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

वन्यजीव संरक्षण की नई पहल

वन विभाग का यह कदम बाघों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। ज़ीनत की वापसी और उसके पुनर्वास के लिए उठाए गए कदम अन्य टाइगर रिजर्व के लिए भी एक उदाहरण बन सकते हैं।

यह घटना न केवल वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक बड़ी सफलता है, बल्कि सिमilipal की जैव विविधता को बनाए रखने के लिए एक अहम कदम है। इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वैज्ञानिक और सतर्क दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।

मुख्य बिंदु:

वन विभाग की यह पहल बाघ संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगी।

ज़ीनत 21 दिनों में 300 किलोमीटर का सफर कर तीन राज्यों में पहुंची।

सिमilipal में सॉफ्ट इनक्लोज़र में रखकर उसके अनुकूलन पर ध्यान दिया जाएगा।

रेडियो कॉलर के जरिए बाघिन की निगरानी की जाएगी।

सिमilipal के दक्षिणी क्षेत्र में छोड़ने की योजना।

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