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झाबुआ वन क्षेत्र में भटकता बाघ, 10 गांवों में दहशत; ग्रामीणों ने जल्द से जल्द रेस्क्यू की मांग की

by reporter
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झाबुआ रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र के पास के 10 गांवों के लोग दहशत में हैं, क्योंकि दो महीने पहले सरिस्का टाइगर रिजर्व, अलवर से भटका एक ढाई साल का बाघ अब भी क्षेत्र में घूम रहा है। गांव वालों का दावा है कि उन्होंने अपने खेतों में बाघ के पंजों के निशान देखे हैं।

खिजुरी गांव के निवासी मीर सिंह ने बताया कि खेतों में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं, और कुछ ग्रामीणों ने उसे देखा भी है। उन्होंने बताया कि इस समय खेतों में गेहूं और सरसों की फसल बोने का वक्त है, इसलिए किसानों को सुबह जल्दी खेतों में जाना होता है। बाघ के डर से कई किसान अब सूर्यास्त के बाद खेतों में जाने से भी बचने लगे हैं।

गांव वालों ने आज इस समस्या को लेकर उपायुक्त (डीसी) से मुलाकात की और उनसे जल्द से जल्द बाघ को पकड़ने का अनुरोध किया। बिडावास गांव के निवासी भरत ने बताया कि डीसी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अगले तीन दिनों के भीतर इस समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि बाघ को जल्द नहीं पकड़ा गया तो गांव के लोग इस मुद्दे पर पंचायत बुलाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

उपायुक्त अभिषेक मीना ने कहा कि उन्होंने इस मामले में मंडल वन अधिकारी को बाघ को पकड़ने और उसे वापस सरिस्का टाइगर रिजर्व भेजने का निर्देश दिया है। डिप्टी कंज़र्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (DCF), रेवाड़ी, दीपक पाटिल ने बताया कि बाघ को रेस्क्यू करने के प्रयास जारी हैं।

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