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पश्चिम बंगाल में झारखंड से आया बाघ, पुरुलिया के रायका हिल्स के जंगलों में छिपा

by kishanchaubey
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Tiger: झारखंड से तीन दिन पहले पश्चिम बंगाल की सीमा में आया बाघ पिछले दो दिनों से पुरुलिया जिले के बंदवान रेंज के रायका हिल्स में छिपा हुआ है। यह जानकारी बुधवार को एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने दी।

बाघ की स्थिति और खोज अभियान

मुख्य वन संरक्षक एस. कुलंदैवेल ने बताया, “दिनभर के दौरान हमारी टीमों को पूरे इलाके में बाघ के कोई नए पगचिह्न नहीं मिले हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह जंगल के अंदर गहराई में छिपा है। इस पहाड़ी इलाके में हमने 70 से ज्यादा कैमरे लगाए हैं, लेकिन बाघ की गतिविधियों को ठीक से रिकॉर्ड नहीं किया जा सका।”

वन विभाग की सात टीमें, जिनमें से एक टीम सुंदरबन से प्रशिक्षित है और बाघों की खोज व पकड़ने में माहिर है, इलाके में निगरानी कर रही हैं।

मानव बस्तियों की सुरक्षा के लिए कदम

वन विभाग ने जंगल के पास की मानव बस्तियों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं:

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  1. बस्तियों की ओर जाने वाले रास्तों पर नायलॉन की बाड़ लगाई गई है।
  2. ट्रैप डोर पिंजरे और चारे के रूप में मवेशी लगाए गए हैं।
  3. लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को जंगल के पास न जाने, खासकर अंधेरे के बाद सतर्क रहने और अपने पालतू जानवरों को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।

बाघ की उत्पत्ति पर जानकारी

जब कुलंदैवेल से पूछा गया कि क्या यह बाघ झारखंड के पलामू से आया है, तो उन्होंने कहा, “नहीं, ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है। यह एक जंगली बाघ है जो झारखंड के किसी हिस्से से आया है। यह किसी टाइगर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं है।”

उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि वे बाघ को देखें तो उसे नुकसान न पहुंचाएं।

पिछली घटना का संदर्भ

पिछले महीने, ओडिशा से झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल पहुंची एक बाघिन ‘ज़ीनत’ को तीन राज्यों की वन विभाग टीमों ने 21 दिनों की मेहनत के बाद पकड़ा था।

महत्वपूर्ण संदेश

वन विभाग ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा है कि सतर्क रहें, अपने मवेशियों को सुरक्षित रखें और किसी भी अप्रिय स्थिति में वन विभाग को तुरंत सूचित करें। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग का अभियान तेजी से जारी है।

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