environmentalstory

Home » तेलंगाना में नया कुमरम भीम संरक्षण रिजर्व घोषित: कावल और तडोबा टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाला टाइगर कॉरिडोर

तेलंगाना में नया कुमरम भीम संरक्षण रिजर्व घोषित: कावल और तडोबा टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाला टाइगर कॉरिडोर

by kishanchaubey
0 comment

हैदराबाद, 31 मई 2025: तेलंगाना सरकार ने शुक्रवार (30 मई 2025) को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत कुमरम भीम आसिफाबाद जिले में कावल टाइगर रिजर्व को महाराष्ट्र के तडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व से जोड़ने वाले टाइगर कॉरिडोर क्षेत्र को कुमरम भीम संरक्षण रिजर्व घोषित करने का आदेश जारी किया।

यह क्षेत्र 1492.88 वर्ग किलोमीटर (149288.48 हेक्टेयर) में फैला है और आसिफाबाद एवं कागज नगर डिवीजनों के अंतर्गत केरमेरी, वांकिडी, आसिफाबाद, सिरपुर, कौटाला, बेज्जुर, कागज नगर, रेब्बाना, दहेगांव और तिरयानी मंडलों को कवर करता है। इसमें गारलापेट, आदा, मणिकगढ़ पूर्व, मणिकगढ़ पश्चिम, दनोरा, गुडेम, बेज्जुर, कदंबा और गिराली सहित 78 रिजर्व वन ब्लॉक शामिल हैं।

कॉरिडोर का महत्व
यह क्षेत्र न केवल कावल और तडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व को जोड़ता है, बल्कि महाराष्ट्र के कन्हरगांव, तिपेश्वर और चप्राला वन्यजीव अभयारण्यों और छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व से भी संपर्क स्थापित करता है।

अधिसूचना के अनुसार, इस क्षेत्र में स्थायी और प्रजनन करने वाले बाघों की मौजूदगी और पिछले एक दशक में कई अंतर-राज्यीय बाघ प्रवास की घटनाएं इसे मध्य भारत के परिदृश्य में बाघों की कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बनाती हैं।

banner

जैव-विविधता का खजाना
प्रस्तावित संरक्षण रिजर्व में बाघों के अलावा तेंदुआ, जंगली कुत्ता, भालू, भेड़िया, हाइना, हनी बैजर और जंगल बिल्ली जैसे अन्य मांसाहारी जानवर भी पाए जाते हैं। यह क्षेत्र गौर, सांभर, नीलगाय, चीतल, चार सींग वाले हिरण, मुन्टजैक और भारतीय गजेल जैसे विविध शिकार प्रजातियों का भी समर्थन करता है। कुछ समय पहले इस क्षेत्र में हाथियों की मौजूदगी भी दर्ज की गई थी।

इसके अलावा, क्षेत्र में 240 से अधिक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें मालाबार पाइड हॉर्नबिल और लॉन्ग-बिल्ड वल्चर शामिल हैं। यह क्षेत्र लॉन्ग-बिल्ड वल्चर के लिए एकमात्र घोंसला स्थल के रूप में भी जाना जाता है।

संरक्षण का उद्देश्य
कुमरम भीम संरक्षण रिजर्व की स्थापना का मुख्य उद्देश्य इस महत्वपूर्ण वन्यजीव कॉरिडोर की रक्षा करना और बाघों सहित अन्य प्रजातियों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करना है। यह कदम न केवल जैव-विविधता संरक्षण में योगदान देगा, बल्कि क्षेत्र में पर्यावरणीय संतुलन को भी बढ़ावा देगा।

तेलंगाना सरकार का यह निर्णय वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मध्य भारत के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में मदद करेगा।

You may also like