केरल के वायनाड जिले में आदमखोर बाघ के हमलों ने इलाके में दहशत फैला दी है। शुक्रवार को बाघ ने पनचराकोली (मनंतवाडी) में एक चाय बागान मजदूर, राधा, पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद से स्थानीय लोग बाघ के आतंक से परेशान हैं।
वन अधिकारी पर हमला, बाल-बाल बचे
वन विभाग की रैपिड रिस्पॉन्स टीम (RRT) के सदस्य जयसूर्या (28) पर भी बाघ ने हमला किया। उन्होंने अपनी ढाल का उपयोग कर खुद को बचाया, लेकिन उनके दाएं हाथ में मामूली चोट आई है।
जयसूर्या ने बताया कि बाघ ने पीछे से उन पर छलांग लगाई थी। उन्होंने तुरंत ढाल से बाघ को रोका, जिससे बाघ फिसल गया और उनके हाथ पर खरोंच आ गई। इसके बाद बाघ अंधेरे में गायब हो गया। फिलहाल जयसूर्या का इलाज चल रहा है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा
वन मंत्री ए.के. ससींद्रन, जो राधा के परिवार से मिलने पहुंचे थे, को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने मंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस गंभीर स्थिति को नजरअंदाज किया है।
लोगों का गुस्सा तब और बढ़ गया जब यह खबर आई कि मंत्री शनिवार को कोझिकोड में एक फैशन शो का लुत्फ उठा रहे थे, जबकि इलाके के लोग बाघ के डर में जी रहे थे।
पुलिस की सुरक्षा में मंत्री को राधा के घर ले जाया गया, जहां उन्होंने राधा के बेटे को अस्थायी नौकरी का आदेश सौंपा।
बाघ को पकड़ने या मारने के आदेश
मंत्री ससींद्रन ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के निर्देश पर बाघ को मारने का आदेश जारी किया गया है। अगर बाघ को पिंजरे में कैद या बेहोश करने के प्रयास विफल होते हैं, तो उसे गोली मारने की अनुमति दी गई है।
वन विभाग के प्रमुख वेटरनरी सर्जन डॉ. अरुण जकारिया के नेतृत्व में बाघ को पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। लगभग 10 टीमों को इस खोज अभियान में लगाया गया है।
कर्नाटक वन विभाग से संपर्क
केरल के वन विभाग के अधिकारी कर्नाटक के अपने समकक्षों से भी संपर्क कर रहे हैं ताकि बाघ के संभावित ठिकाने का पता लगाया जा सके। खबरों के अनुसार, एक बार बाघ को देखकर उस पर गोली चलाई गई थी, लेकिन निशाना चूक गया।
स्थानीय लोगों में दहशत
बाघ के हमले के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोग रात में घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और जंगल के आसपास न जाने की अपील की है।