इंडोनेशिया में अधिकारियों ने एक बार फिर हजारों तस्करी किए गए गाने वाले पक्षियों (सॉन्गबर्ड्स) को जब्त किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि देश में इस अवैध व्यापार पर अब भी गहरी पकड़ बनी हुई है। यह व्यापार इंडोनेशियाई संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है और पिछले कुछ वर्षों में इसके बढ़ने के कारण कई प्रजातियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
पक्षी तस्करी का बड़ा खुलासा
1 फरवरी 2025 को अधिकारियों को सूचना मिली कि पश्चिम नूसा तेंगारा प्रांत से हजारों पक्षी जावा द्वीप की ओर अवैध रूप से भेजे जा रहे हैं। इसके बाद, तंजुंग वांगी बंदरगाह (पूर्वी जावा) पर छापा मारकर 6,860 पक्षी जब्त किए गए। ये पक्षी 134 बक्सों में पैक किए गए थे और एक ट्रक के जरिए भेजे जा रहे थे।
इसी तरह की एक कार्रवाई अक्टूबर 2024 में सुमात्रा के बकाऊहेनी बंदरगाह पर हुई थी, जहां 6,514 पक्षी जब्त किए गए थे। तब कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ वन्यजीव तस्करी और क्वारंटाइन नियमों के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया गया था।
तस्करी के नए रूट और स्रोतों की तलाश
वन्यजीव संरक्षण संगठन FLIGHT के अनुसार, सुमात्रा में हुई पिछली कार्रवाई के बाद से तस्कर नई जगहों से पक्षी इकट्ठा करने और नए रूट तलाशने में लगे हुए हैं। इस बार पक्षी पश्चिम नूसा तेंगारा, बाली और कालिमंतान (इंडोनेशियाई बोर्नियो) से लाए जा रहे थे।
FLIGHT के कार्यकारी निदेशक मैरीसन गुचियानो ने बताया कि जब ट्रक को पकड़ा गया, तो उसमें 579 पक्षी मृत पाए गए। जबकि बचे हुए पक्षियों को उनके मूल स्थान पर ले जाकर स्वस्थ पाए जाने के बाद प्राकृतिक आवासों में छोड़ दिया गया।
कानूनी खामियां और कमजोर सुरक्षा
जब्त किए गए पक्षी किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत संरक्षित नहीं थे। हालांकि, दो महत्वपूर्ण नियमों का उल्लंघन हुआ था—
- जंगली जानवरों के शिकार और व्यापार से संबंधित परमिट व कोटा नियमों का उल्लंघन
- क्वारंटाइन से संबंधित स्वास्थ्य प्रमाणपत्र की अनदेखी
हालांकि, एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कानूनी सुरक्षा कमजोर होने के कारण उसे रिहा कर दिया गया। अधिकारियों ने सिर्फ क्वारंटाइन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया, क्योंकि पक्षियों के पास स्वास्थ्य प्रमाणपत्र नहीं था।
मैरीसन के अनुसार, इंडोनेशियाई सरकार गाने वाले पक्षियों की तस्करी को हल्का अपराध मानती है, जबकि गैंडे, हाथी और बाघ जैसे बड़े वन्यजीवों की तस्करी पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
इंडोनेशिया में पक्षियों की तस्करी का खतरा
इंडोनेशिया में गाने वाले पक्षियों को पालना एक सांस्कृतिक परंपरा है, खासतौर पर जावानी समुदाय में। यही कारण है कि पिछले 5 वर्षों में कम से कम 3 लाख पक्षी अवैध रूप से जब्त किए गए हैं।
मैरीसन ने चेतावनी दी कि अगर इस अवैध व्यापार को नहीं रोका गया, तो कई प्रजातियां जंगलों से पूरी तरह विलुप्त हो सकती हैं।
गाने वाले पक्षियों की तस्करी के खतरे:
✅ कई पक्षी प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं
✅ जंगलों में पक्षियों की संख्या तेजी से घट रही है
✅ तस्करी के कारण ज़ूनोटिक बीमारियों (जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियां) का खतरा बढ़ रहा है.