Air Pollution News: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, आज ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 154 तक पहुंच गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 242% अधिक है, जिसमें पीएम10 (मोटे कण) हावी हैं।
यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है। दूसरी ओर, शिलांग की हवा देश में सबसे साफ रही, जहां AQI मात्र 9 दर्ज किया गया, जो ग्रेटर नोएडा से 16 गुना बेहतर है।
देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति
CPCB के 28 अगस्त 2025 के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि देश के 55.2% शहरों में हवा साफ (AQI 0-50) और 39.5% शहरों में संतोषजनक (AQI 51-100) है। हालांकि, 5.3% शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक स्तर पर है।
पिछले दिन की तुलना में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 5% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि संतोषजनक हवा वाले शहरों में 7% की कमी आई है। मध्यम श्रेणी (AQI 101-200) वाले शहरों की संख्या में 20% का इजाफा हुआ है।
सबसे प्रदूषित शहर
ग्रेटर नोएडा (AQI 154) के बाद सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में पंचगांव (AQI 150), श्रीगंगानगर (AQI 140), नोएडा (AQI 125), और सिंगरौली (AQI 125) शामिल हैं। दिल्ली, जहां AQI 120 दर्ज किया गया, छठे स्थान पर है।
अन्य प्रदूषित शहरों में छपरा (AQI 114), गाजियाबाद (AQI 114), राजसमंद (AQI 111), और भिवाड़ी (AQI 110) शामिल हैं। इन शहरों में पीएम10 और पीएम2.5 के साथ-साथ ओजोन और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषक हावी हैं।कल मोतिहारी में AQI 217 के साथ स्थिति सबसे खराब थी, लेकिन आज वहां 167 अंकों का सुधार हुआ और AQI 50 तक पहुंच गया, जो अब साफ हवा की श्रेणी में है।
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति
दिल्ली में कल की तुलना में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है, और AQI 120 तक पहुंच गया, जो मध्यम श्रेणी में है। जून, जुलाई और अगस्त 2025 में दिल्ली की हवा ज्यादातर संतोषजनक रही, लेकिन जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल में एक भी दिन साफ हवा नहीं थी। नवंबर 2024 में आठ दिन और दिसंबर 2024 में छह दिन दिल्ली में AQI ‘गंभीर’ स्तर पर था, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया था।
साफ हवा वाले शहर
देश के 126 शहरों में हवा साफ रही, जिनमें शिलांग (AQI 9), मोतिहारी, कोलकाता, इंदौर, जबलपुर, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, देहरादून, गुवाहाटी, हावड़ा, मैसूर, नागपुर, नवी मुंबई, और पुडुचेरी जैसे शहर शामिल हैं।
संतोषजनक हवा वाले 90 शहरों में मुंबई (AQI 51), लखनऊ (AQI 68), चेन्नई (AQI 61), चंडीगढ़ (AQI 70), हैदराबाद (AQI 59), जयपुर (AQI 70), और पटना (AQI 66) शामिल हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का मतलब
AQI वायु प्रदूषण के स्तर को मापने का मानक है:
- 0-50 (बेहतर): हवा साफ, स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं।
- 51-100 (संतोषजनक): सामान्य रूप से सुरक्षित, संवेदनशील लोगों को हल्की परेशानी हो सकती है।
- 101-200 (मध्यम): संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर, बाहरी गतिविधियों को सीमित करने की सलाह।
- 201-300 (खराब): स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव, सामान्य लोगों को भी परेशानी।
- 301-400 (बेहद खराब): गंभीर स्वास्थ्य जोखिम, लंबे समय तक नुकसान।
- 401-500 (गंभीर): स्वस्थ लोगों को भी नुकसान, बीमारों के लिए जानलेवा।
प्रदूषण के कारण और सावधानियां
ग्रेटर नोएडा, नोएडा, और दिल्ली जैसे शहरों में पीएम10 और पीएम2.5 प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं, जो निर्माण कार्य, वाहन उत्सर्जन, और धूल से उत्पन्न होते हैं। पंचगांव, सिंगरौली, और भिवाड़ी में पीएम2.5 की मात्रा अधिक है, जो फेफड़ों और हृदय के लिए हानिकारक है। मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी से इन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर प्रभावित हो सकता है, क्योंकि बारिश हवा में मौजूद कणों को कम कर सकती है।