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जंगलों की आग रोकने में इंडोनेशिया और पेरू का मॉडल बनेगा नई गाइडलाइंस का आधार

by kishanchaubey
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इंटरनेशनल ट्रॉपिकल टिंबर ऑर्गेनाइजेशन (ITTO) ने कहा है कि इंडोनेशिया और पेरू में जंगल और भूमि आग प्रबंधन से जुड़े अनुभवों और समुदायों के सशक्तिकरण की सीखें नई गाइडलाइंस बनाने में मदद करेंगी।

जापान में चल रही ITTO परिषद की 60वीं बैठक के तीसरे दिन इन परियोजनाओं के नतीजे प्रस्तुत किए गए। यह परियोजनाएं जापान द्वारा वित्तपोषित थीं।

इंडोनेशिया में परियोजना: आग प्रबंधन में शून्य-जलने का तरीका

इंडोनेशिया में परियोजना “क्षमता निर्माण: जंगल और भूमि आग प्रबंधन” के तहत दक्षिण सुमात्रा, दक्षिण कालिमंतान और मध्य कालिमंतान में स्थानीय समुदायों को शून्य-जलने (zero-burning) की तकनीक में प्रशिक्षित किया गया।

प्रमुख कार्य:

  1. फार्म क्लियरिंग का बिना आग का तरीका:
    आठ स्थलों पर ऐसी तकनीकों का प्रदर्शन किया गया, जिनसे खेत की सफाई बिना आग लगाए की जा सके।
  2. स्थानीय फायर ब्रिगेड की क्षमताएं बढ़ाई गईं:
    आग रोकथाम और प्रबंधन में उनकी भूमिका को सशक्त किया गया।
  3. नई निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणाली:
    आग रोकथाम के लिए गश्ती दलों की नई प्रणाली विकसित की गई, जिसे अब पूरे देश में लागू किया जा रहा है।

परिणाम:

पोस्ट-इवैल्यूएशन रिपोर्ट के अनुसार, यह परियोजना स्थानीय प्रबंधन को मजबूत करने और तकनीकी क्षमता बढ़ाने में सफल रही।

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पेरू में परियोजना: सामुदायिक भागीदारी के साथ आग प्रबंधन

पेरू में परियोजना “उष्णकटिबंधीय जंगलों और जंगल प्लांटेशनों में आग की रोकथाम और प्रतिक्रिया” को पांच विभागों में लागू किया गया।

प्रमुख कार्य:

  1. 200 से अधिक वॉलंटियर फायर ब्रिगेड का प्रशिक्षण:
    इन ब्रिगेड्स को आग रोकथाम और प्रबंधन में बेहतर तालमेल और सहयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया।
  2. स्थानीय और स्वदेशी समुदायों की भागीदारी:
    राष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्राधिकरणों ने इन समुदायों के साथ मिलकर आग रोकथाम और प्रतिक्रिया में काम किया।
  3. सरकारी एजेंसियों की क्षमता बढ़ाई गई:
    जंगल की आग प्रबंधन में सरकारी संस्थाओं की दक्षता में सुधार किया गया।
  4. सामुदायिक जागरूकता:
    स्थानीय समुदायों को बदलाव के एजेंट के रूप में प्रशिक्षित किया गया।

परिणाम:

पोस्ट-इवैल्यूएशन रिपोर्ट में कहा गया कि यह परियोजना स्थायी वन प्रबंधन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रही। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिक सेवाओं और जैव विविधता की रक्षा में मदद मिली।

भविष्य की गाइडलाइंस के लिए नई दिशा

ITTO ने कहा कि इन परियोजनाओं से मिली सीखों का उपयोग उष्णकटिबंधीय जंगलों में आग प्रबंधन के लिए क्षेत्र-उन्मुख गाइडलाइंस तैयार करने में किया जाएगा।

नई गाइडलाइंस ITTO, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और कॉलैबोरेटिव पार्टनरशिप ऑन फॉरेस्ट्स के संयुक्त प्रयास का हिस्सा होंगी।

1997 की गाइडलाइंस पर आधारित सुधार

ये गाइडलाइंस ITTO द्वारा 1997 में प्रकाशित “उष्णकटिबंधीय जंगलों में आग प्रबंधन के दिशानिर्देश” को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से विकसित की जाएंगी।

निष्कर्ष

इन परियोजनाओं ने दिखाया कि स्थानीय समुदायों को शामिल करके, बेहतर तकनीकों और जागरूकता से जंगल की आग प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। यह प्रयास न केवल पर्यावरण की रक्षा करेंगे, बल्कि स्थानीय समुदायों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएंगे।

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