देश में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर समस्या बनता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा 7 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के छोटे शहरों में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
सबसे प्रदूषित शहर
CPCB के अनुसार, बर्नीहाट, परभनी, सूरत और कटक देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गए हैं। इन शहरों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। विशेष रूप से बर्नीहाट में AQI 316 तक पहुंच गया, जो देश में सबसे अधिक दर्ज किया गया स्तर है।
प्रदूषण में अचानक वृद्धि
दिल्ली में भी प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। 6 मार्च 2025 को जहां AQI 124 था, वहीं 7 मार्च को यह 78 अंकों के उछाल के साथ 202 तक पहुंच गया। इसके अलावा, देश के अन्य 14 शहरों में भी वायु गुणवत्ता खराब हो गई है, जिनमें अहमदाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम, हाजीपुर और रामनगर जैसे शहर शामिल हैं।
सबसे स्वच्छ हवा वाले शहर
जहां कई शहरों में प्रदूषण बढ़ा है, वहीं मैहर देश का सबसे स्वच्छ हवा वाला शहर बना हुआ है। यहां AQI महज 27 दर्ज किया गया, जो ‘अत्यंत स्वच्छ’ श्रेणी में आता है। इसके अलावा, 12 अन्य शहरों में भी हवा की गुणवत्ता अच्छी रही, जिनमें झांसी, वाराणसी, प्रयागराज, नागपट्टिनम और दमोह शामिल हैं। हालांकि, बीते 24 घंटों में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 44% की गिरावट दर्ज की गई है।
मध्यम और संतोषजनक हवा वाले शहर
देश के 82 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक (AQI 51-100) रही, जिनमें अलवर, पटियाला, कोरबा और ऋषिकेश जैसे शहर शामिल हैं। वहीं, 122 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम (AQI 101-200) श्रेणी में रही, जिनमें जयपुर, इंदौर, कानपुर, हैदराबाद और कोलकाता शामिल हैं।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण
दिल्ली से सटे फरीदाबाद में भी प्रदूषण बढ़ा है, जहां AQI 103 दर्ज किया गया। इसी तरह गाजियाबाद में 262, गुरुग्राम में 217, नोएडा में 161 और ग्रेटर नोएडा में 134 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के बढ़ते स्तर को दर्शाता है।
अन्य प्रमुख शहरों की स्थिति
मुंबई में AQI 130, लखनऊ में 150, चेन्नई में 134, पटना में 180, जयपुर में 171 और चंडीगढ़ में 89 दर्ज किया गया। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि देशभर में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का अर्थ
सरकार द्वारा वायु गुणवत्ता को मापने के लिए AQI का उपयोग किया जाता है:
- 0-50: अच्छी हवा
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-500: गंभीर (खतरनाक)
दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में प्रदूषण अक्सर ‘खराब’ और ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रहता है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
समाधान क्या हो सकते हैं?
- वाहनों का सही उपयोग: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करना।
- औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण: फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं को नियंत्रित करना।
- हरित क्षेत्र बढ़ाना: ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना और हरित क्षेत्रों का विकास।
- पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोतों का उपयोग: कोयले की बजाय सौर और पवन ऊर्जा का इस्तेमाल।
- जनजागरूकता बढ़ाना: लोगों को प्रदूषण के दुष्प्रभावों और उससे बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करना।