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संथूर में कुएं में गिरे तेंदुए का सफल रेस्क्यू, जंगल में छोड़ा गया

by kishanchaubey
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तेंदुए को कुएं से बचाया गया
पडुबिद्री के संथूर गांव में एक तीन साल के नर तेंदुए को बचाने का रोमांचक अभियान हुआ। यह तेंदुआ मुदरांगडी इलाके में एक कुएं में गिर गया था। शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे, संपत्ति मालिक करुणाकर पुजारी ने पानी निकालते समय कुएं में तेंदुए को देखा। उन्होंने तुरंत स्थानीय ग्राम पंचायत और वन विभाग को इसकी सूचना दी।

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रेस्क्यू ऑपरेशन कैसे हुआ?
वन विभाग की टीम ने स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की मदद से तेंदुए को बचाने का अभियान शुरू किया। टीम एक पिंजरे के साथ मौके पर पहुंची और सावधानीपूर्वक तेंदुए को कुएं से बाहर निकाला। इसके बाद तेंदुए को सुरक्षित रूप से कोल्लूर के पास जंगल में छोड़ दिया गया। इस बचाव अभियान को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए थे।

तेंदुआ कैसे गिरा कुएं में?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेंदुआ एक रात पहले एक घरेलू कुत्ते पर हमला करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन परिवार ने उसे भगा दिया। इसके बाद, तेंदुआ एक बिल्ली का पीछा करते हुए कुएं में गिर गया। यह इलाका पहले से ही तेंदुओं और जंगली बाइसन के देखे जाने के लिए जाना जाता है।

पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

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  1. जंगलों की कटाई और वन्यजीव संघर्ष:
    इस तरह की घटनाएँ वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास के घटने का संकेत हैं। जंगलों की कटाई और शहरीकरण के कारण तेंदुए जैसे जानवर अब इंसानी बस्तियों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे इंसान और जानवरों के बीच संघर्ष बढ़ रहा है।
  2. मानव स्वास्थ्य पर असर:
    • तेंदुओं और अन्य जंगली जानवरों के इंसानी क्षेत्रों में घुसने से डर और तनाव का माहौल बनता है।
    • यदि किसी जानवर के साथ टकराव हो, तो शारीरिक चोट या संक्रमण का खतरा रहता है।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों और पालतू जानवरों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता होती है।
  3. पारिस्थितिक संतुलन:
    तेंदुए जैसे शिकारी पर्यावरण में संतुलन बनाए रखते हैं। उनका शिकार करना या उन्हें नुकसान पहुँचाना पारिस्थितिकी तंत्र को असंतुलित कर सकता है। ऐसे जानवरों की सुरक्षा पर्यावरण के लिए जरूरी है।

क्या करना चाहिए?

  • सुरक्षित कुएं और बाड़ लगाना: खुले कुएं जंगली जानवरों के लिए खतरा बन सकते हैं। इन्हें ढकने या सुरक्षित करने की आवश्यकता है।
  • जागरूकता बढ़ाना: ग्रामीण इलाकों में वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व के तरीके सिखाने की जरूरत है।
  • वन संरक्षण: जंगलों की रक्षा कर हम इन जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में बनाए रख सकते हैं, जिससे इंसानों और जानवरों के बीच टकराव कम हो।

यह घटना वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संतुलन की अहमियत को समझने का एक और उदाहरण है। इंसानों और जानवरों के बीच शांति और सह-अस्तित्व के लिए मिलजुल कर प्रयास करना जरूरी है।

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