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देश में छोटे शहरों की हवा बड़े शहरों से ज्यादा जहरीली, बर्नीहाट सबसे प्रदूषित, दिल्ली में भी बढ़ा प्रदूषण

by kishanchaubey
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 31 मार्च 2025 के ताजा आंकड़ों से पता चला है कि देश के बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति कहीं ज्यादा खतरनाक है। मेघालय का छोटा सा शहर बर्नीहाट इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 252 तक पहुंच गया है।

वहीं, दिल्ली और फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों में भी प्रदूषण बढ़ा है, लेकिन छोटे शहरों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। आइए, इस खबर को आसान और विस्तार से समझते हैं।

छोटे शहरों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, 31 मार्च 2025 को देश के छोटे शहरों में हवा की गुणवत्ता बड़े शहरों से कहीं ज्यादा खराब रही। मेघालय का बर्नीहाट देश का सबसे प्रदूषित शहर बनकर उभरा, जहां AQI 252 दर्ज किया गया। यह स्तर ‘खराब’ श्रेणी में आता है, जिसका मतलब है कि यहां की हवा सांस लेने के लिए खतरनाक हो सकती है।

दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल का सिलीगुड़ी है, जहां AQI 236 रहा। छत्तीसगढ़ का कुंजेमुरा 228 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। इसके बाद महाराष्ट्र का चंद्रपुर (225), उत्तराखंड का रामनगर (217), ओडिशा का बारबिल (216) और असम का गुवाहाटी (216) क्रमशः चौथे, पांचवें, छठे और सातवें स्थान पर हैं। शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में पश्चिम बंगाल का आसनसोल, बिहार का पूर्णिया और बक्सर भी शामिल हैं।

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आंकड़ों से साफ है कि देश के आठ शहरों में हवा ‘खराब’ (AQI 201-300) श्रेणी में है। कल, 30 मार्च को यह संख्या छह थी, यानी एक दिन में ‘खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में 33% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर छोटे शहर हैं, जो बताता है कि प्रदूषण अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहा।

दिल्ली और फरीदाबाद में भी बढ़ा प्रदूषण

राजधानी दिल्ली में 30 मार्च की तुलना में प्रदूषण बढ़ा है। यहां AQI 22 अंक बढ़कर 160 तक पहुंच गया। इसी तरह, हरियाणा के फरीदाबाद में 16 अंकों की बढ़ोतरी के साथ AQI 166 हो गया।

दोनों शहरों में हवा अभी ‘मध्यम’ (AQI 101-200) श्रेणी में है, यानी सांस लेने में ज्यादा परेशानी तो नहीं, लेकिन संवेदनशील लोगों (जैसे बच्चे, बुजुर्ग, अस्थमा मरीज) को सावधानी बरतनी चाहिए।

देश में मध्यम हवा वाले शहर

दिल्ली और फरीदाबाद के अलावा देश के 126 अन्य शहरों में भी हवा ‘मध्यम’ श्रेणी में है। इनमें धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सहरसा जैसे शहर शामिल हैं।
30 मार्च की तुलना में इन शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

सबसे साफ हवा मैहर में

देश में सबसे साफ हवा मध्य प्रदेश के मैहर में है, जहां AQI महज 33 दर्ज किया गया। यह ‘बेहतर’ (AQI 0-50) श्रेणी में आता है, यानी यहां की हवा पूरी तरह सुरक्षित है। मैहर की तुलना में बर्नीहाट की हवा सात गुना ज्यादा खराब है।

मैहर के अलावा अगरतला, चामराजनगर, दमोह, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, नागपट्टिनम, तिरुनेलवेली और वृंदावन जैसे 10 शहरों में भी हवा ‘बेहतर’ रही। लेकिन चिंता की बात यह है कि कल की तुलना में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 17% की कमी आई है।

संतोषजनक हवा वाले शहर

देश के 83 शहरों में हवा ‘संतोषजनक’ (AQI 51-100) रही। इनमें अजमेर, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मैसूर, नगांव, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिवमोगा, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी आदि शामिल हैं।

हालांकि, इन शहरों की संख्या में भी 5% की गिरावट दर्ज की गई है।

देश भर का हाल

आंकड़ों के अनुसार, देश के 229 शहरों में से:

  • 5% से कम शहरों (10) में हवा ‘बेहतर’ (AQI 0-50) रही।
  • 36% शहरों (83) में हवा ‘संतोषजनक’ (AQI 51-100) रही।
  • 59% से ज्यादा शहरों (128) में हवा ‘मध्यम’ (AQI 101-200) या उससे खराब रही।
    यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि देश के ज्यादातर हिस्सों में हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है।

बड़े शहरों का हाल

  • दिल्ली: AQI 160 (मध्यम)
  • फरीदाबाद: AQI 166 (मध्यम)
  • गाजियाबाद: AQI 150 (मध्यम)
  • गुरुग्राम: AQI 162 (मध्यम)
  • नोएडा: AQI 113 (मध्यम)
  • ग्रेटर नोएडा: AQI 158 (मध्यम)
  • मुंबई: AQI 109 (मध्यम)
  • लखनऊ: AQI 106 (मध्यम)
  • चेन्नई: AQI 66 (संतोषजनक)
  • चंडीगढ़: AQI 80 (संतोषजनक)
  • हैदराबाद: AQI 91 (संतोषजनक)
  • जयपुर: AQI 106 (मध्यम)
  • पटना: AQI 179 (मध्यम)

दिल्ली का प्रदूषण इतिहास

दिल्ली में इस साल जनवरी और फरवरी में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब हवा जहरीली न हो। नवंबर 2024 में आठ दिन और दिसंबर 2024 में छह दिन AQI ‘गंभीर’ (301-400) श्रेणी में रहा। उस दौरान प्रदूषण इतना बढ़ गया था कि लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया था।

वायु गुणवत्ता सूचकांक क्या बताता है?

  • 0-50 (बेहतर): हवा साफ और सुरक्षित।
  • 51-100 (संतोषजनक): हवा ठीक, लेकिन संवेदनशील लोगों को थोड़ी परेशानी हो सकती है।
  • 101-200 (मध्यम): सामान्य लोगों को दिक्कत नहीं, लेकिन बीमार लोगों को सावधानी चाहिए।
  • 201-300 (खराब): सांस लेने में तकलीफ, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को।
  • 301-400 (बेहद खराब): गंभीर स्वास्थ्य खतरा।
  • 401-500 (गंभीर): सभी के लिए जानलेवा स्थिति।

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