केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 18 मई 2025 के आंकड़ों के अनुसार, शिलांग में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 12 रहा, जो देश में सबसे साफ हवा को दर्शाता है। वहीं, अगरतला में AQI 300 दर्ज किया गया, जो देश में सबसे खराब हवा का संकेत है। अगरतला की हवा में ओजोन का स्तर प्रमुख रूप से हावी रहा, और यह शिलांग की तुलना में 24 गुणा अधिक प्रदूषित है।
प्रदूषित शहरों की स्थिति
अगरतला के बाद बद्दी (AQI 188) और मुजफ्फरनगर (AQI 185) क्रमशः दूसरे और तीसरे सबसे प्रदूषित शहर रहे। मुजफ्फरनगर में 17 मई की तुलना में 93 अंकों का सुधार हुआ, जब AQI 278 था। जालंधर (AQI 182), दिल्ली (AQI 179), खन्ना (AQI 178), नोएडा (AQI 178), चंद्रपुर (AQI 175), मेरठ (AQI 167), और भरतपुर (AQI 164) शीर्ष दस प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। दिल्ली में पिछले दिन की तुलना में AQI में हल्की वृद्धि हुई।
वायु गुणवत्ता का रुझान
देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या घटी, जबकि साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 34% की वृद्धि हुई। 55 शहरों, जैसे शिलांग, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मैसूर, नांदेड़, ऊटी, सूरत, और तंजावुर, में AQI 0-50 (‘बेहतर’) रहा। 122 शहरों, जैसे अजमेर, मुंबई, पुणे, और पटना, में AQI 51-100 (‘संतोषजनक’) दर्ज किया गया, लेकिन इनकी संख्या में 8% की कमी आई। 38 शहरों, जैसे दिल्ली, गुरुग्राम, लखनऊ, और जयपुर, में AQI 101-200 (‘मध्यम’) रहा, जिसमें 28% की गिरावट देखी गई।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का अर्थ
- 0-50 (बेहतर): हवा साफ, स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित।
- 51-100 (संतोषजनक): हवा स्वीकार्य, संवेदनशील समूहों को हल्का जोखिम।
- 101-200 (मध्यम): सामान्य स्वास्थ्य प्रभाव, संवेदनशील समूहों को अधिक असर।
- 201-300 (खराब): स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव।
- 301-400 (बहुत खराब): गंभीर स्वास्थ्य जोखिम।
- 401-500 (गंभीर): स्वस्थ लोगों को भी नुकसान, बीमार लोगों के लिए खतरनाक।
विश्लेषण
216 शहरों में से 25% से अधिक में हवा साफ, 56% में संतोषजनक, और 18% में चिंताजनक स्थिति है। साफ हवा वाले शहरों की संख्या में वृद्धि सकारात्मक है, लेकिन अगरतला में ओजोन प्रदूषण और दिल्ली जैसे शहरों में AQI का बढ़ना चिंता का विषय है। कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों की आवश्यकता है।