पर्यावरण की पाठशाला : जाने-माने पर्यावरणविद डॉ. सुभाष एस पांडे ने आज यानी 30 सितंबर, 2024 से ‘पर्यावरण की पाठशाला’ की शुरूआत की है। ‘पर्यावरण की पाठशाला’ के पहले एपिसोड में, डॉ. पांडे ने पर्यावरण की व्यापक परिभाषा प्रस्तुत की और बताया कि यह हमारे जीवन के लिए यह कितना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि हमारे चारों ओर की हर चीज जल, वायु, भूमि, और वन हमारे पर्यावरण का हिस्सा हैं। इस ज्ञानवर्धक क्लास के माध्यम से, दर्शकों को सरीसृपों, जैव विविधता, और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है।
पर्यावरण की परिभाषा
डॉ. पांडे ने समझाया कि पर्यावरण का अर्थ हमारे शरीर के बाहर की हर चीज़ है—चाहे वह एक मेज हो, पेड़, इमारत या गाड़ी। ये सभी तत्व वस्तुतः एक बड़े परिवेश का हिस्सा हैं, जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। यानी हमारे चारो ओर उपस्थित हवा, पानी, पेड़-पौधे सब कुछ पर्यावरण का हिस्सा हैं।
पर्यावरण का हमारे जीवन में महत्व
उन्होंने यह भी कहा कि हर जीवित वस्तु के अंदर हवा है, जो हमें जीवन देती है। यह हवा, जल, और भूमि हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं। इसलिए, हमें इनका संरक्षण करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
डॉ. पांडे ने पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न तत्वों का महत्व बताया। जल, जंगल, और जलवायु सभी आपस में जुड़े हुए हैं और इनका संतुलन बनाए रखना ही जैव विविधता है। यह संतुलन हमारे स्वास्थ्य और जीवन के लिए आवश्यक है। पर्यावरण के किसी भी अवयव में होने वाला प्रदूषण अंततः मानव स्वास्थ को गंभीर हानि पहुंचाता है। यही कारण है कि दुनिया के 24 से अधिक देशों में इंवारमेंट एमरजेंसी लागा दी गई है। यानी अब उन देशों में होने वाले समस्त विकास कार्य पर्यावरण की कशौटी के आधार पर स्वीक्रित किए जाएंगे। हालांकि भारत सहित तमाम विकासशील देशों में अभी इतनी जागरुकता नहीं आ पाया है।
यह एपिसोड न केवल जानकारी प्रदान करता है, बल्कि यह दर्शकों को सरीसृपों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए जागरूक भी करता है। बल्कि, हमें समझना होगा कि पर्यावरण की सेहत का सीधा संबंध हमारी सेहत से है।
डॉ. पांडे ने बताया कि इस ज्ञानवर्धक क्लास का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की स्थिति के प्रति जागरूक करना है, ताकि वे अपने आसपास के पर्यावरण की रक्षा कर सके और अपने आने वाले कल और अधिक स्वस्थ और सुंदर बना सकें।
आप सभी से निवेदन है कि इस जानकारी को व्यापक जनहित में फैलाएं और पर्यावरण की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाएं। यह हमारे हाथ में है कि हम अपने आसपास के वातावरण को कैसे संरक्षित करें।