Micro-plastic Disadvantages: माइक्रोप्लास्टिक, जो 5 मिमी से छोटे प्लास्टिक के कण होते हैं, हमारे पर्यावरण में व्यापक रूप से फैल चुके हैं। वे हमारे भोजन, पानी और यहां तक कि हवा में भी पाए जाते हैं।
जहां हम माइक्रोप्लास्टिक के शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अधिक जानते हैं, वहीं अब नए शोध यह बता रहे हैं कि ये कण हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक क्या है?
माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के वे छोटे कण होते हैं जो प्लास्टिक उत्पादों के टूटने या नष्ट होने से बनते हैं। ये समुद्र, नदियों और जल स्रोतों में पाए जाते हैं, लेकिन अब मानव शरीर में भी इनके प्रवेश की पुष्टि हो चुकी है।
ये प्लास्टिक कण हमारे भोजन, पानी और हवा के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक और शरीर पर प्रभाव
शारीरिक स्वास्थ्य पर माइक्रोप्लास्टिक का प्रभाव अब तक वैज्ञानिकों द्वारा काफी हद तक प्रमाणित किया जा चुका है। ये कण पेट और आंतों की समस्याओं, हार्मोनल असंतुलन और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जुड़े हुए हैं।
हालांकि, हाल के अध्ययन इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि माइक्रोप्लास्टिक का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।
मस्तिष्क पर प्रभाव
शोध से पता चला है कि माइक्रोप्लास्टिक कण मस्तिष्क में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे न्यूरोडेवलपमेंटल समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मस्तिष्क में इन कणों का जमा होना याद्दाश्त, सीखने की क्षमता और भावनात्मक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
यह चिंता और अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों को भी बढ़ा सकता है।
हार्मोनल असंतुलन
माइक्रोप्लास्टिक में मौजूद कुछ रसायन, जैसे बिस्फेनोल ए (BPA), शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करते हैं। यह असंतुलन मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा दे सकता है, जिसमें तनाव, चिंता और डिप्रेशन शामिल हैं।
हार्मोनल असंतुलन सीधे तौर पर मूड स्विंग्स और नींद की समस्या से भी जुड़ा हुआ है।
ऑक्सीडेटिव तनाव
माइक्रोप्लास्टिक शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा कर सकते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऑक्सीडेटिव तनाव मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विकारों का खतरा बढ़ा सकता है।
कैसे बचाव करें?
माइक्रोप्लास्टिक के प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:
पानी के फ़िल्टर का उपयोग करें
प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें
प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग को कम करें