भारत में पिछले कुछ दिनों से बढ़ता प्रदूषण अब थोड़ा कम हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 12 अप्रैल 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, देश के कई शहरों की हवा में सुधार देखा गया है।
लेकिन राजस्थान का बूंदी शहर अभी भी प्रदूषण के मामले में सबसे आगे है। आइए, इस खबर को आसान शब्दों में समझते हैं और जानते हैं कि देश के बाकी शहरों का हाल क्या है।
बूंदी में सबसे खराब हवा
- बूंदी (राजस्थान): यह शहर प्रदूषण के मामले में नंबर एक पर है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 245 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि हवा सांस लेने के लिए ठीक नहीं है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों, और बीमार लोगों के लिए।
- मेघालय का बर्नीहाट: यह शहर दूसरे नंबर पर है, जहां AQI 243 है। यह भी ‘खराब’ श्रेणी में है।
- अच्छी खबर: देश में सिर्फ 2 शहरों की हवा खराब है। कल (11 अप्रैल) यह संख्या 5 थी, यानी 60% की कमी आई है।
दिल्ली का हाल
- दिल्ली: राजधानी में प्रदूषण थोड़ा बढ़ा है। AQI 164 से बढ़कर 166 हो गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में है। इसका मतलब है कि सामान्य लोगों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अस्थमा या दिल के मरीजों को सावधानी बरतनी चाहिए।
- पिछले रिकॉर्ड:
- जनवरी, फरवरी, और मार्च 2025 में दिल्ली की हवा एक भी दिन ‘साफ’ नहीं रही।
- नवंबर 2024: 8 दिन हवा ‘गंभीर’ थी।
- दिसंबर 2024: 6 दिन ‘गंभीर’ स्तर पर थी। इन दिनों सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
- नोट: CPCB ने आज फरीदाबाद के आंकड़े साझा नहीं किए।
सबसे साफ हवा कहां?
- श्री विजया पुरम (अंडमान-निकोबार): यहां की हवा सबसे साफ है, जहां AQI सिर्फ 31 है। यह ‘बेहतर’ श्रेणी में आता है, यानी सांस लेने के लिए पूरी तरह सुरक्षित।
- बूंदी vs श्री विजया पुरम: बूंदी की हवा श्री विजया पुरम से 7 गुना खराब है।
- 34 अन्य शहरों में भी साफ हवा: इनमें शामिल हैं:
- आइजोल, कोलकाता, देहरादून, सूरत, ठाणे, ऋषिकेश, सिलचर, तिरुचिरापल्ली, कांचीपुरम, सांगली, आदि।
- अच्छी खबर: साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 17% की बढ़ोतरी हुई है।
संतोषजनक और मध्यम हवा वाले शहर
- संतोषजनक हवा (AQI 51-100):
- 139 शहरों में हवा साफ और सामान्य है। इनमें शामिल हैं:
- लखनऊ, मुंबई, पटना, पुणे, नोएडा, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, हैदराबाद, नागपुर, तिरुवनंतपुरम, आदि।
- खास बात: इन शहरों की संख्या में 19% का इजाफा हुआ है।
- 139 शहरों में हवा साफ और सामान्य है। इनमें शामिल हैं:
- मध्यम हवा (AQI 101-200):
- 48 शहरों में हवा मध्यम स्तर की है। इनमें शामिल हैं:
- दिल्ली, जयपुर, भोपाल, ग्वालियर, कोटा, लुधियाना, धनबाद, राउरकेला, आदि।
- नोट: इन शहरों की संख्या में 20% की कमी आई है।
- 48 शहरों में हवा मध्यम स्तर की है। इनमें शामिल हैं:
अन्य प्रमुख शहरों का हाल
- मुंबई: AQI 61 (संतोषजनक)
- लखनऊ: AQI 87 (संतोषजनक)
- चेन्नई: AQI 65 (संतोषजनक)
- चंडीगढ़: AQI 73 (संतोषजनक)
- हैदराबाद: AQI 94 (संतोषजनक)
- जयपुर: AQI 146 (मध्यम)
- पटना: AQI 97 (संतोषजनक)
- ग्वालियर: AQI 146 (मध्यम)
- गाजियाबाद: AQI 98 (संतोषजनक)
- नोएडा: AQI 95 (संतोषजनक)
- ग्रेटर नोएडा: AQI 87 (संतोषजनक)
देश का समग्र हाल
- 15% शहरों में हवा साफ (AQI 0-50)।
- 62% शहरों में हवा संतोषजनक (AQI 51-100)।
- 22% शहरों में हवा चिंताजनक (AQI 101 और ऊपर)।
- 223 शहरों में से:
- 34 शहर: बेहतर हवा।
- 139 शहर: संतोषजनक हवा।
- 48 शहर: मध्यम हवा।
- 2 शहर: खराब हवा (बूंदी और बर्नीहाट)।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का मतलब
AQI हवा में मौजूद प्रदूषकों (जैसे PM2.5, PM10, ओजोन) को मापता है और बताता है कि हवा कितनी सुरक्षित है। इसे 6 श्रेणियों में बांटा गया है:
- बेहतर (0-50): हवा पूरी तरह साफ, कोई खतरा नहीं।
- संतोषजनक (51-100): हवा सामान्य, लेकिन संवेदनशील लोगों (अस्थमा रोगी) को थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।
- मध्यम (101-200): सामान्य लोगों को कम परेशानी, लेकिन बीमार लोगों को दिक्कत हो सकती है।
- खराब (201-300): सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- बेहद खराब (301-400): लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
- गंभीर (401-500): स्वस्थ लोग भी बीमार पड़ सकते हैं, और बीमार लोगों के लिए जानलेवा।
प्रदूषण में कमी क्यों?
- मौसम का रोल: हाल ही में मौसम विभाग ने बताया कि बारिश और तूफानी हवाओं ने कई शहरों में हवा को साफ किया। खासकर पूर्वी और दक्षिणी भारत में बारिश ने प्रदूषक कणों को कम किया।
- नियंत्रण के प्रयास: सरकार के नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) और स्थानीय स्तर पर प्रदूषण रोकने के कदम (जैसे वाहन उत्सर्जन पर नियंत्रण) से कुछ राहत मिली।
- कम गतिविधियां: कुछ शहरों में औद्योगिक और निर्माण कार्यों में कमी से प्रदूषण कम हुआ।
वंतारा और ओजोन प्रदूषण से कनेक्शन
आपके पिछले सवालों में हमने वंतारा चिड़ियाघर और सतही ओजोन प्रदूषण की बात की थी। बूंदी और बर्नीहाट जैसे शहरों में ओजोन का स्तर बढ़ना चिंता का विषय है। जामनगर, जहां वंतारा है, वहां की रिफाइनरी भी ओजोन प्रदूषण बढ़ा सकती है। अगर प्रदूषण नहीं रुका, तो खेती और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा।
सुझाव और सावधानियां
- बूंदी और बर्नीहाट के लोग:
- सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें, जब प्रदूषण ज्यादा होता है।
- N95 मास्क पहनें।
- घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- किसान और बागवान:
- ओजोन प्रदूषण से फसलों को बचाने के लिए जैविक खेती अपनाएं।
- खेतों में पानी का छिड़काव करें ताकि धूल कम हो।
- आम लोग:
- प्रदूषण कम करने के लिए साइकिल, कारपूलिंग, या सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।
- पेड़ लगाएं, क्योंकि ये हवा को साफ करते हैं।
- स्थानीय प्रशासन से मांग करें कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए और कदम उठाए जाएं।
- स्वास्थ्य सावधानी:
- अगर सांस लेने में तकलीफ, खांसी, या आंखों में जलन हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- खूब पानी पिएं और धूल से बचें।