environmentalstory

Home » दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही चूहों की आबादी, जलवायु परिवर्तन बना मुख्य कारण

दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही चूहों की आबादी, जलवायु परिवर्तन बना मुख्य कारण

by kishanchaubey
0 comment

Climate Change: चूहों की समस्या केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया इस संकट से जूझ रही है। हाल ही में हुए एक वैज्ञानिक अध्ययन से यह सामने आया है कि दुनिया के प्रमुख शहरों में चूहों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस वृद्धि का एक बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है।

चूहों की बढ़ती आबादी और इसका कारण

वैज्ञानिक पत्रिका साइंस एडवांसेज में प्रकाशित शोध के अनुसार, जलवायु परिवर्तन ने चूहों की संख्या को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया है। तापमान में वृद्धि, शहरीकरण, कचरे की उपलब्धता और हरियाली की कमी चूहों की आबादी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है।

शोध में 16 प्रमुख शहरों का अध्ययन किया गया, जिनमें से 11 शहरों में चूहों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। न्यूयॉर्क और एम्स्टर्डम में चूहों की सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, जबकि ऑकलैंड, शिकागो, बोस्टन, कैनसस सिटी और सिनसिनाटी में भी चूहों की आबादी तेजी से बढ़ी।

इसके विपरीत, टोक्यो, लुइसविले और न्यू ऑरलियन्स जैसे कुछ शहरों में चूहों की आबादी में गिरावट देखी गई। खासतौर पर न्यू ऑरलियन्स में अध्ययन अवधि के दौरान सबसे अधिक कमी दर्ज की गई।

banner

चूहों से होने वाले खतरनाक नुकसान

चूहे सिर्फ अनाज और खाद्य सामग्री को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि वे 50 से अधिक जूनोटिक रोगों के वाहक होते हैं, जो सीधे इंसानों को प्रभावित कर सकते हैं। इन रोगों में लेप्टोस्पायरोसिस, हंटावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम, म्यूरिन टाइफस और ब्यूबोनिक प्लेग जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं।

शोध में यह भी पाया गया कि वैश्विक स्तर पर चूहों से निपटने के लिए हर साल लगभग 500 मिलियन डॉलर खर्च किए जाते हैं। अकेले अमेरिका में चूहों से होने वाले नुकसान की अनुमानित लागत 27 बिलियन डॉलर सालाना है।

कैसे बढ़ रही चूहों की संख्या?

शोधकर्ताओं ने पाया कि शहरों के औसत तापमान में बढ़ोतरी से चूहों की संख्या में 40.7% की वृद्धि हो रही है। उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में चूहों की सक्रियता बढ़ जाती है, जबकि ठंडे इलाकों में वे शरण में रहने को मजबूर हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, न्यूयॉर्क शहर में गर्मियों के अंत में चूहों की आबादी चरम पर होती है, जबकि सर्दियों में उनकी संख्या घट जाती है।

इसके अलावा, कम हरियाली और भोजन की प्रचुरता वाले शहरी क्षेत्रों में चूहों की वृद्धि अधिक देखी गई। शोध में रैटस नॉर्वेजिकस और रैटस रैटस जैसी चूहों की दो प्रमुख प्रजातियों का अध्ययन किया गया, जो विश्वभर में सबसे ज्यादा पाई जाती हैं और कृषि उत्पादन व खाद्य आपूर्ति को नुकसान पहुंचाती हैं।

समाधान: चूहों की संख्या पर कैसे लगेगी लगाम?

शोधकर्ताओं ने चूहों की आबादी पर नियंत्रण पाने के लिए कई रणनीतियों की सिफारिश की है। इनमें प्रमुख रूप से कचरा प्रबंधन, खाद्य अपशिष्ट को नियंत्रित करना और बेहतर स्वच्छता बनाए रखना शामिल है।

  • कचरे का सही निपटान: शहरों में कचरा खुले में छोड़ने से चूहों की आबादी बढ़ती है। इसलिए, कचरा प्रबंधन को मजबूत करना जरूरी है।
  • खाद्य अपशिष्ट को कम करना: रेस्टोरेंट, बाजार और घरों से निकलने वाले खाद्य अपशिष्ट को सही तरीके से नष्ट करना आवश्यक है।
  • शहरी हरियाली को बढ़ाना: हरियाली बढ़ाने से चूहों को छिपने और रहने की जगह कम मिलेगी।
  • चूहों पर शोध और निगरानी: सरकारों और नगरपालिकाओं को चूहों की गतिविधियों पर नजर रखनी होगी और नियमित रूप से उनकी संख्या को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाने होंगे।

You may also like