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प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) को 2025-26 तक बढ़ाया गया

by kishanchaubey
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10 फरवरी 2025: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। यह योजना किसानों को उनकी उपज के लिए उचित और लाभकारी मूल्य दिलाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। 15वें वित्त आयोग की अवधि समाप्त होने तक यह योजना जारी रहेगी।

क्या है पीएम-आशा योजना?

PM-AASHA एक व्यापक योजना है, जो मूल्य समर्थन योजना (PSS), मूल्य कमी भुगतान योजना (PDPS), बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) को एक साथ जोड़ती है। इसका उद्देश्य:

  • किसानों को उनकी फसल का उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिलाना,
  • बाजार में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करना,
  • उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है।

योजना के अंतर्गत बजट और प्रबंधन

  • केंद्रीय बजट 2025-26 में पीएम-आशा के लिए 6,941.36 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.8% अधिक है।
  • PSS, PDPS और MIS का प्रबंधन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जबकि PSF का प्रबंधन उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय करता है।

दालों की खरीद के लिए बड़े कदम

  • सरकार ने खरीद वर्ष 2024-25 के लिए तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद उत्पादन के 100% के बराबर करने की अनुमति दी है।
  • सरकार के अनुसार, देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए यह खरीद अगले चार वर्षों तक जारी रहेगी।
  • दलहन मिशन के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे दालों की आयात निर्भरता कम करने और भंडारण सुविधाओं में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा।

सोयाबीन और मूंगफली की खरीद को मंजूरी

  • खरीफ 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने PSS के तहत छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना में सोयाबीन खरीद को मंजूरी दी।
    • 9 फरवरी 2025 तक 1.99 मिलियन टन सोयाबीन की खरीद की जा चुकी है।
  • इसी तरह, खरीफ 2024-25 के लिए आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में PSS के तहत मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी गई।

किसानों को क्या लाभ होगा?

  • फसल के उचित दाम सुनिश्चित होंगे, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।
  • MSP पर सरकारी खरीद से बाजार में मूल्य स्थिरता बनी रहेगी।
  • दलहन, तिलहन और अन्य फसलों की खरीद बढ़ने से देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।
  • आयात निर्भरता घटने से देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।

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