देश में वायु प्रदूषण की समस्या बड़े शहरों से ज्यादा छोटे शहरों में गंभीर होती जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा 20 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के अनुसार, बिहार के कई शहरों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में पहुंच चुकी है।
सबसे प्रदूषित शहरों की सूची
- राजगीर (AQI 330) – देश का सबसे प्रदूषित शहर।
- हाजीपुर (AQI 300 के नीचे) – दूसरे स्थान पर लेकिन प्रदूषण चिंताजनक।
- बर्नीहाट (मेघालय) (AQI 257) – तीसरे स्थान पर।
- सासाराम (AQI 247) – बिहार का एक और शहर चौथे स्थान पर।
- धनबाद और बेगूसराय (AQI 225) – पांचवें और छठे स्थान पर।
- पटना (AQI 209) – स्थिति खराब बनी हुई है।
- अन्य शहरों में किशनगंज और मुंगेर – भी प्रदूषण से प्रभावित।
प्रदूषण में कमी आई, लेकिन स्थिति अब भी गंभीर
राहत की बात यह है कि 19 फरवरी 2025 की तुलना में ‘खराब’ वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 33% की कमी आई है।
सबसे स्वच्छ हवा वाले शहर
भारत में सबसे साफ हवा झांसी (AQI 34) में दर्ज की गई। झांसी के अलावा, अन्य आठ शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहतर रही, जिनमें मैहर, नागपट्टिनम, रामनाथपुरम, तंजावुर, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहर
देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक (AQI 51-100) बनी हुई है। इनमें काशीपुर, कोहिमा, लातूर, लुधियाना, पटियाला, ऋषिकेश, राउरकेला, प्रयागराज जैसे शहर शामिल हैं।
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति
राजधानी दिल्ली में बारिश के कारण प्रदूषण स्तर में सुधार हुआ है। 20 अंकों की गिरावट के साथ AQI 160 पर पहुंच गया है, जिससे यह ‘खराब’ से ‘मध्यम’ स्तर पर आ गया है।
- फरीदाबाद (AQI 126) – 5 अंकों की सुधार के साथ मध्यम स्तर पर।
- गाजियाबाद (AQI 140), गुरुग्राम (AQI 148), नोएडा (AQI 123), ग्रेटर नोएडा (AQI 127) – मध्यम श्रेणी में हैं।
- मुंबई (AQI 118), लखनऊ (AQI 167), चेन्नई (AQI 72), चंडीगढ़ (AQI 113), जयपुर (AQI 106), पटना (AQI 209) – वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई।
भारत में वायु गुणवत्ता की स्थिति (20 फरवरी 2025)
- बेहतर हवा (AQI 0-50) – 9 शहरों में।
- संतोषजनक (AQI 51-100) – 118 शहरों में।
- मध्यम (AQI 101-200) – 97 शहरों में।
- खराब (AQI 201-300) – 8 शहरों में।
- बेहद खराब (AQI 301-400) – 3 शहरों में।
- गंभीर (AQI 401-500) – कोई शहर नहीं।
प्रदूषण के स्तर को समझें
AQI वायु गुणवत्ता का मापक है:
- 0-50 – हवा स्वच्छ
- 51-100 – संतोषजनक
- 101-200 – मध्यम
- 201-300 – खराब (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक)
- 301-400 – बेहद खराब (गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं)
- 401-500 – गंभीर (आपातकालीन स्थिति)
दिल्ली में प्रदूषण का इतिहास
- जनवरी 2025 – हर दिन हवा जहरीली रही।
- नवंबर 2024 – 8 दिन ‘गंभीर’ प्रदूषण।
- दिसंबर 2024 – 6 दिन ‘गंभीर’ प्रदूषण।
समाधान क्या हो सकते हैं?
- वाहनों के उपयोग में कमी करें।
- निर्माण कार्यों पर नियंत्रण रखें।
- वनीकरण को बढ़ावा दें।
- उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन हो।
देश में प्रदूषण की स्थिति लगातार बदल रही है। हालात में सुधार के लिए नागरिकों और सरकार को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।