दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से वायु गुणवत्ता में सुधार देखा जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 24 अगस्त 2025 के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 34 अंकों के सुधार के साथ 63 दर्ज किया गया, जो संतोषजनक श्रेणी में है।
यह पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की हवा के संतोषजनक रहने का सिलसिला बरकरार रखता है। हालांकि, जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में दिल्ली की हवा एक भी दिन साफ नहीं रही, और नवंबर 2024 में आठ दिन वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर थी, जबकि दिसंबर 2024 में छह दिन ऐसा ही रहा।
देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति
सीपीसीबी के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के 65% शहरों में हवा साफ (एक्यूआई 0-50) है, 33% शहरों में संतोषजनक (एक्यूआई 51-100), और केवल 2% शहरों में मध्यम (एक्यूआई 101-200) स्तर की वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। हालांकि, साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 1.4% और संतोषजनक हवा वाले शहरों में 4% की कमी आई है।
धौलपुर में सबसे ज्यादा प्रदूषण
आज देश में धौलपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां एक्यूआई 17 अंकों की उछाल के साथ 115 तक पहुंच गया। यहां पीएम2.5 (महीन कण) का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सुरक्षित मानकों से 667% अधिक रहा, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। कल नंदेसरी में एक्यूआई 193 के साथ स्थिति सबसे खराब थी, लेकिन आज इसके आंकड़े साझा नहीं किए गए।
नाहरलगुन में सबसे साफ हवा
नाहरलगुन में आज देश की सबसे साफ हवा दर्ज की गई, जहां एक्यूआई मात्र 15 रहा। धौलपुर की तुलना में नाहरलगुन की हवा सात गुना बेहतर है। देश के 143 शहरों में हवा साफ रही, जिनमें अहमदाबाद, भोपाल, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नोएडा, पटना, पुणे, और रायपुर जैसे शहर शामिल हैं।
प्रदूषित शहरों की सूची
धौलपुर (एक्यूआई 115) के बाद छपरा (114), विशाखापत्तनम (104), और गुम्मिडिपूंडी (103) देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। इन चार शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 43% की कमी आई है।