दिल्ली के निवासियों ने गुरुवार की सुबह (14 नवंबर) ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता (AQI) के साथ की, जहां पूरे एनसीआर क्षेत्र में घना धुंध छाया रहा, जिससे दृश्यता में भी कमी आई। बुधवार को, दिल्ली का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) इस सीजन में पहली बार ‘सिवियर’ श्रेणी में पहुंचा, जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने इसे एक “असाधारण घटना” बताया।
CPCB के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार क्षेत्र में AQI 466 (‘सिवियर प्लस’) तक पहुंच गया था। इसके साथ ही, अन्य क्षेत्रों जैसे आया नगर, अशोक विहार और वज़ीरपुर में भी गंभीर वायु प्रदूषण दर्ज किया गया, जहां AQI 400 से ऊपर रहा, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है।
हालांकि, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने अभी GRAP के चरण-3 (Stage-3) को लागू करने का निर्णय नहीं लिया। इस स्तर में प्राथमिक स्कूलों की कक्षाओं को स्थगित करना और निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध शामिल होता है। CPCB के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार शाम 4 बजे दिल्ली का औसत AQI 418 था, जो शाम 6 बजे तक 436 हो गया और रात 9 बजे 454 (सिवियर प्लस श्रेणी) तक पहुंच गया।
GRAP का विभिन्न चरणों के अनुसार प्रबंधन:
GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत, जब वायु गुणवत्ता “सिवियर” स्तर पर पहुंचती है, तो चरण-3 लागू किया जाता है, जिसमें निर्माण और ध्वस्तिकरण पर प्रतिबंध और कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद करने का प्रावधान है। फिलहाल, GRAP का चरण-2 (Stage-2), जो 22 अक्टूबर से लागू है, अभी भी प्रभावी है।
CAQM के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बावजूद, तेज हवाओं के कारण प्रदूषण में कमी का रुझान देखने को मिल सकता है और AQI “बहुत खराब” श्रेणी में लौट सकता है।
मौसम का प्रभाव:
बुधवार को दिल्ली में इस सीजन का पहला घना कोहरा देखा गया और दिन का तापमान गिरकर 27.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो एक दिन पहले 32.8 डिग्री सेल्सियस था। इस कोहरे और कम तापमान ने प्रदूषकों को वातावरण में फंसा दिया। CPCB के आंकड़ों के अनुसार, बिहार के हाजीपुर में AQI 417 दर्ज किया गया, जो देश में दूसरा सबसे खराब AQI था।
दिल्ली के 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 30 में वायु गुणवत्ता “सिवियर” श्रेणी में पाई गई। AQI के स्तर 0 से 50 तक ‘अच्छा’, 51 से 100 ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बहुत खराब’, 401 से 450 ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर ‘सिवियर प्लस’ माना जाता है।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव:
दिल्ली का यह प्रदूषण स्तर वातावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। “सिवियर” और “सिवियर प्लस” श्रेणी का मतलब है कि हवा में धूल, धुआं और जहरीले कणों की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, और फेफड़ों के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक ऐसे प्रदूषण में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
वायु गुणवत्ता के इस स्तर को सुधारने के लिए सख्त उपायों की आवश्यकता है, ताकि प्रदूषण का स्तर कम हो और लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।