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महाराष्ट्र में 4.14 लाख फसल बीमा दावों में गड़बड़ी का खुलासा, सरकार ने दावे किए खारिज

by kishanchaubey
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महाराष्ट्र के कृषि विभाग ने 2024 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों द्वारा किए गए 4.14 लाख फसल बीमा दावों को फर्जी पाया है। ये दावे या तो झूठी जानकारी के आधार पर किए गए थे या फसल का अस्तित्व ही नहीं था।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) क्या है?

यह केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत किसानों को अपनी फसलों का बीमा करने का अवसर मिलता है। बीमा के लिए किसानों को महज एक रुपये का प्रीमियम देना होता है।

कैसे किया गया फर्जीवाड़ा?

  1. नकली दावे:
    • कुछ किसानों ने ऐसी फसलों के लिए दावे किए, जो वास्तव में बोई ही नहीं गई थीं।
    • कुछ दावे ऐसी जमीन पर किए गए, जो उनके नाम पर नहीं थीं।
  2. कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की भूमिका:
    • बड़ी संख्या में आवेदन कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से दाखिल किए गए, जिनमें फर्जी दस्तावेज और जानकारी का इस्तेमाल किया गया।
    • कई मामलों में असली जमीन मालिकों को यह तक पता नहीं था कि उनके नाम पर बीमा दावे किए गए हैं।
  3. अन्य गड़बड़ियां:
    • कुछ मामलों में गैर-कृषि भूमि, मंदिर, मस्जिद, और सरकारी जमीन पर फसल बीमा का दावा किया गया।
    • राज्य के बाहर के लोगों ने भी योजना का लाभ लेने की कोशिश की।

कृषि मंत्री का बयान

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा,

“कुछ किसानों ने गैर-कृषि भूमि और सरकारी प्लॉट पर फसल बीमा के फर्जी दावे किए। हमने 96 CSC सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं, जो इन फर्जी आवेदनों के लिए जिम्मेदार हैं। हमने 4.14 लाख फर्जी दावे खारिज कर सरकारी धन को बर्बाद होने से बचाया। यह एक बड़ा घोटाला हो सकता था।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अब इस योजना में सुधार के लिए किसानों और अन्य हितधारकों से सुझाव लेगी।

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पिछले वर्षों के मुकाबले 2024 में गड़बड़ी सबसे ज्यादा

  • 2024 में कुल 1.68 करोड़ आवेदन फसल बीमा के लिए दाखिल किए गए थे। इनमें से 4.14 लाख दावों को फर्जी पाते हुए खारिज कर दिया गया।
  • 2022 में:
    • 1.04 करोड़ आवेदनों में से केवल 11,761 दावे खारिज किए गए थे।
  • 2023 में:
    • 2.42 करोड़ आवेदनों में से 3.8 लाख दावे खारिज किए गए।
    • खारिज दावों की दर 1.57% थी।
  • 2024 में:
    • खारिज दावों की संख्या बढ़कर 4.14 लाख हो गई, जो कुल आवेदनों का 2.5% है।

सरकार की नई रणनीति

  1. सख्त सत्यापन प्रक्रिया:
    • अब सभी जिलों में फसल बीमा दावों की क्रॉस-वेरीफिकेशन और फिजिकल जांच की जाएगी।
  2. CSC सेंटरों की निगरानी:
    • फर्जीवाड़े में शामिल CSC सेंटरों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
  3. किसानों की जागरूकता:
    • किसानों को फसल बीमा प्रक्रिया के बारे में सही जानकारी दी जाएगी।
    • असली किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार की जरूरत

  • पारदर्शिता:
    • बीमा दावों को पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ाया जाएगा।
  • ड्रोन और सैटेलाइट मॉनिटरिंग:
    • फसलों की निगरानी और सत्यापन के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
  • सीधे लाभार्थी खाते में भुगतान:
    • फर्जीवाड़ा रोकने के लिए दावों का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जाएगा।

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